इसरो की गगनयान मिशन की तैयारियां शुरू, 10 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च

चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद अब इसरो ने गगनयान मिशन की तैयारी शुरू कर दी है। इस मिशन के लिए इसरो ने कल सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम का सफल परीक्षण किया। गगनयान मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस मिशन पर अब तक 3 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

गगनयान परियोजना तीन सदस्यीय टीम को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में भेजेगी और फिर भारतीय क्षेत्रीय जल में सुरक्षित रूप से उतरेगी। इस मिशन में भाग लेने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को गगननॉट्स कहा जाएगा। इस मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को चुनने का काम भारतीय वायुसेना को दिया गया था। चंद्रयान-3 के बाद इसरो का गगनयान मिशन भारत के लिए खास अभियान है।

गगनयान मिशन क्या है?

इस मिशन के जरिए इसरो एक मानवयुक्त अंतरिक्ष यान को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में भेजेगा। इसरो का लक्ष्य मनुष्यों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और ऐसा करने के लिए स्वदेशी क्षमता विकसित करना है। इसरो का दावा है कि सुरक्षा के लिहाज से इस मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर मौजूद लाइफ सपोर्ट सिस्टम जैसा ही लाइफ सपोर्ट सिस्टम मुहैया कराया जाएगा।

मिशन शुरू करने से पहले कई परीक्षण करके उनकी सुरक्षा की पुष्टि की जाएगी। इनमें एयर ड्रॉप टेस्ट (आईएडीटी), पैड एबॉर्ट टेस्ट (पीएटी) और टेस्ट व्हीकल (टीवी) फ्लाइट शामिल हैं। इन परीक्षणों के नतीजे ही बताएंगे कि मिशन अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने में कितना सक्षम है। गगनयान मिशन के निर्माण के लिए इसरो ने डीआरडीओ और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की भी मदद ली है। अगर इसरो किसी अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने में सफल हो जाता है तो वह अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा।

गगनयान को रॉकेट LVM-3 से लॉन्च किया जाएगा

गगनयान को इसरो के LVM-3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. इसे बाहुबली रॉकेट भी कहा जाता है. इससे पहले अक्टूबर 2022 में LVM-3 रॉकेट ने 36 उपग्रहों को लेकर उड़ान भरी थी। इसरो द्वारा निर्मित सबसे शक्तिशाली रॉकेट लॉन्चर है। यह रॉकेट तीन चरणों में काम करता है।

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