मोदी का वादा, शाह का ईरादा, देश से मिटेगी गुलामी की निशानी, बदलेंगे 163 पुराने अंग्रेजी कानून

मोदी का वादा, शाह का ईरादा, देश से मिटेगी गुलामी की निशानी, बदलेंगे 163 पुराने अंग्रेजी कानून। अब ये विचार हकीकत में बदलने जा रहे हैं और इसकी शुरुआत अमित शाह ने लोकसभा में बिल पेश करके कर दी है।

अब सरकार ने तय किया है कि वो गुलामी के एक भी निशान भारत में नहीं रहने देगी। लाल किले की प्राचीर से खुद प्रधानमंत्री मोदी ने ये प्रण लिया था और देश की संसद से पीएम मोदी के उस प्रण की पूर्णाहुति में पहला कदम बढ़ा दिया गृह मंत्री अमित शाह ने।

करोड़ों लोगों के सामने लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प लिया था कि वो भारत से गुलामी की निशानियों को हटाकर ही दम लेंगे। इस सरकार ने वो काम किया जो आजाद भारत के 75 साल के इतिहास में कोई भी सरकार नहीं कर सकी। इस सरकार ने उन कानूनों को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म करने का प्रण ले लिया, जो 163 साल पुराने थे।

एक उदाहरण – अब भारतीय न्याय संहिता में धारा 302 के तहत हत्या नहीं बल्कि स्नैचिंग का अपराध होगा। पहले इसमें हत्या का मुकदमा चलता था, अब स्नैचिंग का अपराध.. अर्थात राह चलते किसी के गले से चेन, घड़ी, मोबाइल, बैग जैसे सामान को छीनने पर धारा 302 के तहत सुनवाई होगी।

अमित शाह ने सदन में कहा, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जो सीआरपीसी को रिप्लेस करेगी इसमें अब 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराओं को बदल दिया गया है। 9 धाराएं नई जोड़ी गई हैं और 9 धाराओं को निरस्त किया गया है। भारतीय न्याय संहिता जो आईपीसी को रिप्लेस करेगी। इसमें अब पहले 511 धाराएं थीं, इसकी जगह 356 धाराएं होंगी। 175 धाराओं में बदलाव हुआ है। 8 नई धाराएं जोड़ी गईं हैं। और 22 धाराएं निरस्त कर दी गईं हैं। उन्होंने कहा, भारतीय साक्ष्य अधिनियम जो एविडेंस एक्ट को रिप्लेस करेगा। इसमें 170 धाराएं होंगी। पहले 167 थीं। 23 धाराओं में बदलाव किया है। 1 धारा नई जोड़ी गई है और 5 धाराएं निरस्त की हैं।

SHARE