ऐतिहासिक घटिया चौराहे पर रात्रि 12.05 बजे किया गया झंडारोहण


‘मेरी माटी ,मेरा देश ‘ , हर घर तिरंगा, वासुदैव कुटम्बकम्ब ‘ आदि राष्ट्रीय आहृवहानों को दिया बल

आगरा:

स्वाधीनता दिवस के अवसर पर घटिया आजम खां चौराहे पर भोर पूर्व मध्य रात्रि (12.05 बजे ) को घटिया ए के चौराहा ट्रैफिक कमेटी की ओर से ध्वजारोहण कर स्वाधीनता दिवस का परंपरागत स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया गया। 15 अगस्त 2019 से यह परंपरा शुरू हुई थी। समाजसेवी डा नीता कुलश्रेष्ठ जो कि मेडिकल डॉक्टर होने के साथ ही कूडा प्रबंधन क्षेत्र की विशेषज्ञ हैं, तत्कालीन एसपी सिटी प्रशांत वर्मा,आइपीएस, ने ध्वजारोहण परंपरा को शुरू करने की परिकल्पना का समर्थन करने के साथ ही सहयोग भी दिया था। तत्कालीन घटिया चौकी इंचार्ज अमित शर्मा ने पहले आयोजन में खुले दिल से सहयोग कर आयोजन परंपरा को स्वरूप प्रदान किया था।

कमेटी के सचिव अनिल शर्मा के अनुसार देश में शायद की इने गिने स्थान होंगे जहां कि झंडारोहण रात्र 12.05 बजे किया जाता है। दरअसल भारत रात्रि 12 बजे स्वतंत्र हुआ था उसी समय पहले प्रधानमंत्री स्व जवाहर लाल नेहरू के द्वारा यूनियन जैक को उतार कर तिरंगा लहराया गया था। कमेटी के अध्यक्ष डॉ शिरोमणि सिंह पूर्व पार्षद, उपाध्यक्ष दवा विक्रय प्रतिष्ठान के संचालक श्री टोनी इस आयोजन में मुख्य सहयोगी रहे हैं । रात्रि 12 बजे झंडारोहण की अनुमति नहीं थी, श्री नवीन जिंदल के द्वारा मुकदमे के 2002 फैसले के बाद फ्लैग एक्ट में संशोधन ( January 26, 2002) लेकिन अब यह फिर से शुरू हो चुका है।

वर्ष 2023 का ध्वजारोहण भारत सरकार के कार्यक्रम ‘मेरी माटी मेरा देश, ‘हर घर तिरंगा ‘आह्वहन के तहत किया गया। जी -20 के आधार भाव व्यक्त करने वाले वासुदैव कुटुम्बकम ‘ की भावना से एकजुटता व्यक्त की गयी। घटिया आजम खां मार्किट कमेटी,पुलिस प्रशासन, तथा क्षेत्र के सात प्रमुख स्कूलों की कार्यक्रम में परोक्ष सहभागिता रही। कमेटी सदस्यों का मानना है, आगे आने वाले सालों में यह आयोजन भव्य होगा और ऐतिहासिक चौराहे को गरिमा प्रदान करेगा।

-बहुत खास है घटिया आजम खां चौराहा
घटिया आजम खां चौराहा पं हृदयनाथ कुंजरू और उनके छोटे भाई राजनाथ कुंजरू के परिवारों से जुड़ा हुआ नाम है। कश्मीरी ब्राह्मण इन बंधुओं का आगरा के जनजीवन में खास योगदान रहा। उल्लेखनीय है कि भारत की संविधान सभा में चुने हुए प्रतिनिधि के रूप में यूनाइटेड प्रोविंस का प्रतिनिधित्व करने का अवसर स्व जसपत राय कपूर और हृदय नाथ कुंजरू को मिला था। इनमें से कुंजरू साहब घटिया क्षेत्र के ही रहने वाले थे।

स्व कुंजरू अपने समय के अतिसक्रिय कद्दावर नेता थे ,संविधान सभा में मौलिक अधिकारों से संबंधित भाग -3 के अनुक्षेद 12 से लेकर अनुक्षेद 35 तक के लिये हुई बहसों में उनका अतिसक्रिय योगदान था।1946 में एन सी सी की स्थापना के लिये गठित छह सदस्यीय आधारभूत कमेटी के वह चेयरमैन थे ।हकीकत में एन सी सी मूल रूप से उन्हीं की परिकल्पना थी। जबकि राजनाथ कुंजरू रामलीला बारात आयोजन समिति के अध्यक्ष आदि पदों पर रहे।बंग्लादेश आजाद करने को 1971 की लड़ाई में भारतीय सेना को बढ़त दिलवाने को तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में पैराशूट से सबसे पहले छलांग लगाने वाले शिव कुंजरू भी इसी परिवार के हैं। कुजरू 50 स्वतंत्र पैरा ब्रिगेड के अफसर थे, बाद में कर्नल के रूप में सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान में आगरा में शहीद नगर में रह रहे हैं।

मिला था। इनमें से कुंजरू साहब घटिया क्षेत्र के ही रहने वाले थे। स्व कुंजरू अपने समय के अतिसक्रिय कद्दावर नेता थे ,संविधान सभा में मौलिक अधिकारों से संबंधित भाग -3 के अनुक्षेद 12 से लेकर अनुक्षेद 35 तक के लिये हुई बहसों में उनका अतिसक्रिय योगदान था।1946 में एन सी सी की स्थापना के लिये गठित छह सदस्यीय आधारभूत कमेटी के वह चेयरमैन थे ।

हकीकत में एन सी सी मूल रूप से उन्हीं की परिकल्पना थी। जबकि राजनाथ कुंजरू रामलीला बारात आयोजन समिति के अध्यक्ष आदि पदों पर रहे।बंग्लादेश आजाद करने को 1971 की लड़ाई में भारतीय सेना को बढ़त दिलवाने को तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में पैराशूट से सबसे पहले छलांग लगाने वाले शिव कुंजरू भी इसी परिवार के हैं। कुजरू 50 स्वतंत्र पैरा ब्रिगेड के अफसर थे, बाद में कर्नल के रूप में सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान में आगरा में शहीद नगर में रह रहे हैं।

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