चन्द्रयान3 के लैंडर की चांद की सतह पर सिर्फ लैंडिंग बाकी, 23 अगस्त को होगी सॉफ्ट लैंडिंग

चन्द्रयान3 के लैंडर की चांद की सतह पर सिर्फ लैंडिंग बाकी है, उससे पहले की सभी प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूरी हो गई हैं। सब कुछ ऐसे ही सामान्य रूप से चलता रहा तो 23 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग हो जाएगी।

गुरुवार को इसरो ने जानकारी दी थी कि चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर अब चांद की निकटतम कक्षा में प्रवेश कर गया है और धीरे-धीरे लैंडिंग की ओर बढ़ रहा है। विक्रम लैंडर के अंदर ही प्रज्ञान रोवर है, जो चांद की सतह पर लैंड होने के साथ ही अपनी रिसर्च शुरू कर देगा।

गुरुवार को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग हो गए। अब विक्रम लैंडर चांद के करीब है और 150 किमी. की कक्षा में है। यह अभी अंडाकार शेप में घूम रहा है, 18 अगस्त शाम 4 बजे थ्रस्टर्स के जरिए विक्रम लैंडर अपनी गति को धीमा करने और चांद की निचली कक्षा में प्रवेश करने की कोशिश करेगा। यह प्रक्रिया अलग-अलग हिस्सों में 18 से 20 अगस्त को होगी, पहले ये 100 किमी की कक्षा में जाएगा और फिर चांद की 30 किमी की कक्षा में जाएगा, इसके बाद ही लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी जो 23 अगस्त को खत्म होगी।

चंद्रयान-3 का काम चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करना, चांद पर घूमना और रिसर्च करना है। अभी ऐसा सिर्फ तीन ही देश कर पाए हैं, जिनमें अमेरिका, चीन और रूस का नाम है। भारत ने अपना चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा है, यहां अभी तक कोई नहीं पहुंच पाया है। अगर चंद्रयान-3 सफल होता है तो भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश होगा।

SHARE