भारतीय समयानुसार आज शाम 17:20 बजे शुरू होगा चन्द्रयान3 की सॉफ्ट लैंडिंग का सीधा प्रसारण। ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ का सीधा प्रसारण इसरो की वेबसाइट के अलावा ISRO यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज पर भी होगा। इसके अलावा डीडी नेशनल टीवी चैनल सहित कई मंचों पर यह लाइव देखा जा सकता है।
प्रज्ञान को विक्रम के भीतर रखा गया है। इसे सफल लैंडिंग के बाद चाँद की सतह पर उतारा जाएगा। इसके दो प्रमुख उपकरण हैं, पहला- अल्फा पार्टिकल एक्साइट स्पेक्ट्रोमीटर और दूसरा- लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी। ये दोनों चंद्रमा की सतह पर चीजों को नापेंगे और खनिजों व सामग्री के बारे में जानकारियां मुहैया कराएंगें।
लैंडिंग मॉड्यूल को उतारने के 6 चरण होंगे, जिसमें पहले चरण में की सतह से 30 किमी की दूरी को घटा कर 7.5 किमी पर लाया जाएगा।
दूसरे चरण में सतह से दूरी 6.8 किमी तक लाई जाएगी। इस चरण तक यान का वेग 350 मीटर प्रति सेकंड रह जाएगा, अर्थात शुरुआत से करीब साढ़े चार गुना कम वेग किया जायेगा।
तीसरे चरण में यान को चंद्र सतह से महज 800 मीटर की ऊंचाई तक लाया जाएगा। यहां से दो थ्रस्टर इंजन उसे उतारेंगे। इस चरण में यान का वेग शून्य प्रतिशत सेकंड के बेहद करीब पहुंच जाएगा।
चौथे चरण में यान को सतह के 150 मीटर करीब तक लाया जाएगा। इसे वर्टिकल डिसेंट अर्थात खडी लैंडिंग कहते हैं।
पाँचवें चरण में यान में लगे सेंसर और कैमरा से मिल रहे लाइव इनपुट को पहले से स्टोर किए गए रेफरेंस डाटा से मिलाया जाएगा। इस डाटा में 3,900 तस्वीरें भी शामिल हैं, जो चंद्रयान 3 के उतरने वाली जगह की हैं। इस तुलना से निर्णय होगा कि चंद्र सतह से ऊपर जहां लैंडर स्थित है, वहां से उसे सीधे सतह पर उतारें तो लैंडिंग सही रहेगी या नहीं।
छटा चरण लैंडिंग का आखिरी चरण है, इसमें लैंडर को सीधे चाँद की सतह पर उतार दिया जाएगा और वही एक ऐतिहासिक पल होगा।