इंसान ने किया प्रकृति के साथ खिलवाड तो प्रकृति ने भी अपना रौद्र रूप दिखाया

इंसान ने किया प्रकृति के साथ खिलवाड तो प्रकृति ने भी अपना रौद्र रूप दिखाया। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हुई भीषण त्रासदी इसी का परिणाम है जिससे इन्सान को सबक लेना चाहिए।

आज हिमाचल के ऐसे ही कई शहर बाढ़, बारिश और भूस्खलन से घायल हैं। पूरे हिमाचल में हालात ये हैं कि पहाड़ ज़मीन पर आते जा रहे हैं। ज़मीन खिसकती जा रही है और मकान ताश के पत्तों की तरह टूट रहे हैं। ऐसे लग रहा है हिमाचल प्रदेश में हर कुछ दिन के अंतराल पर कुदरत की त्रासदी का रिपीट टेलीकास्ट हो रहा है। इससे पहले आई तबाही का सबसे ज़्यादा शिकार शिमला ही हुआ था। तेज़ बारिश के बाद सड़कों पर सैलाब बह रहा है। अब शिमला में रहने वाले हर शख़्स के अंदर अनहोनी का खौफ है। डरे हुए लोग अपने घरों को छोड़कर भाग रहे हैं।

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान का सटीक अनुमान अभी तक नहीं लगाया जा सका है, लेकिन अनुमान है कि दोनों राज्यों में इस आपदा से खरबों रुपये का नुकसान हुआ है।

उत्तराखंड में 10 दिनों में कम से कम 66 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा लोग लापता हैं। भारी बारिश से ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून, और उत्तरकाशी सहित कई शहरों में नुकसान हुआ है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के शिमला और मंडी में पिछले सिर्फ 24 घंटे में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 10 दिनों में कम से कम 55 लोगों की मौत हो चुकी है और 10 से ज्यादा लोग लापता हैं। भारी बारिश से शिमला, मनाली, और धर्मशाला सहित कई शहरों में भूस्खलन हुआ है।

हिमाचल में क़रीब 550 ऐसी हैं, जिस पर कुदरत का कहर बरपा है। शिमला, मंडी, सोलन में 4 जगह पर बादल फटने की घटनाएं हुईं हैं और शिमला में बारिश ने 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। लेकिन इतनी तबाही के बाद भी अभी कुदरत का क्रोध शांत नहीं हुआ है। क्योंकि पूरे हिमाचल में मौसम विभाग ने 2 दिन का रेड अलर्ट जारी किया है।

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