हिंदू मंदिरों पर हमलों के खिलाफ कनाडाई संसद में ‘याचिका’, अब तक 6000 से ज्यादा समर्थन मिले

पिछले वर्ष के दौरान कनाडा के कई मंदिरों में तोड़फोड़ की अनेक घटनाओं पर चिंता
सांसद मेलिसा लैंस्टमैन द्वारा प्रायोजित याचिका 19 जुलाई को हस्ताक्षर के लिए खोली गई जो 17 अक्टूबर तक सक्रिय रहेगी।

पिछले साल कनाडा में कई मंदिरों में हुई बर्बरता से चिंतित सांसदों ने औपचारिक रूप से हिंदूफोबिया को मान्यता देने के लिए वहां की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के समक्ष दायर एक याचिका का समर्थन किया। इस याचिका को कनाडाई सांसदों का समर्थन मिल रहा है।

शनिवार शाम तक 6000 से ज्यादा लोग याचिका पर हस्ताक्षर कर चुके थे। जो सभी श्रेणियों में खुली याचिकाओं की सबसे बड़ी संख्या है। सांसद मेलिसा लैंस्टमैन द्वारा प्रायोजित याचिका 19 जुलाई को हस्ताक्षर के लिए खोली गई थी। यह 17 अक्टूबर तक सक्रिय रहेगा।

याचिका का समर्थन करने वाले मंदिरों में ब्रिटिश कोलंबिया में लक्ष्मी नारायण मंदिर शामिल है। 12 अगस्त को इस मंदिर के गेट पर खालिस्तान समर्थकों ने भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक पोस्टर चिपकाए थे। मंदिर के उपाध्यक्ष सतीश कुमार ने कहा कि हम हिंदुओं के समर्थन में इस तरह की पहल का समर्थन करेंगे। इस याचिका के समर्थन में ब्रैम्पटन का त्रिवेणी मंदिर भी शामिल है।

यह याचिका कैनेडियन ऑर्गनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज एजुकेशन ने दायर की थी। जिसमें सदन ने हिंदूफोबिया को इनकार के रूप में परिभाषित करते हुए हिंदू विरोधी पूर्वाग्रह और भेदभाव का वर्णन करने के लिए मानवाधिकार संहिता के शब्दकोष में हिंदूफोबिया को एक शब्द के रूप में मान्यता देने का आह्वान किया है।

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