नई दिल्ली।
इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने दावा किया है कि ‘पहले की सरकारों को इसरो पर विश्वास ही नहीं था’। ‘पहले की सरकारों के पास इसरो के अनुसंधान के लिए बजट ही नहीं था’। सरकार इस विषय पर गम्भीर नहीं थी इसीलिए वैज्ञानिक कुछ खास नहीं कर सकते थे। लेकिन आज माहौल अनुकूल है और इसरो को भरपूर बजट भी मिल रहा है और सपोर्ट किया जाता है, अतः हम अच्छे परिणाम दे रहे हैं।
नंबी नारायणन ने कहा कि इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ को मिशन की सफलता का पूरा श्रेय मिला है। साथ ही प्रधानमंत्री को भी इसका श्रेय जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे वैज्ञनिकों की क्षमता को पहचाना और उन्हें प्रोत्साहित किया है और साथ ही उन्हें भरपूर बजट भी दिया है जिससे वे अपने काम को सुचारू रूप से बिना किसी रुकावट के पूरा कर सकें।
एक इंटरव्यू के दौरान जब नंबी नारायणन से पूछा गया कि राजनीतिक पार्टियां चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का श्रेय लेने में जुटी हैं और इस पर आपका क्या कहना है, तो उन्होंने कहा कि ‘इसरो की शुरुआत में पूर्व की सरकारों की प्राथमिकता में अंतरिक्ष रिसर्च नहीं थी और इसरो को मिलने वाला बजट भी कम था। शुरुआत में रिसर्च के काम के लिए कारें या जीप भी उपलब्ध नहीं थी और सिर्फ एक बस थी, जो शिफ्ट में चला करती थी।’ नंबी नारायणन के दावे के अनुसार पूर्व की सरकारों को इसरो पर विश्वास ही नहीं था।’