विदेशी मेहमानों को भगवान गौरी-शंकर, सीता-राम, राधा-कृष्ण और हनुमान के साथ भारतीय संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा। जगह जगह पर पुल व दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र बनवाए गए हैं। देवी-देवताओं के चित्रों के माध्यम से उनके संदेश व गतिविधियों के बारे में आसानी से अवगत हुआ जा सकता है। इसके अलावा देेश के पारंपरिक नृत्यों से भी रूबरू कराया जाएगा। डीएमआरसी ने भी अपने कई स्टेशनों पर चित्रकारी कराई है। एनडीएमसी ने भी जगह-जगह चित्रकारी करवाई है।
एनडीएमसी व पीडब्ल्यूडी ने सड़कों को स्ट्रीट लाइट से जगमग कर दिया है। राष्ट्रीय त्योहारों के अवसरों की तरह जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर भी सरकारी बिल्डिंगों पर तिरंगा लाइट लगाई है। एक हजार से अधिक पेड़ों को भी आकर्षित लाइटिंग से सरोबार किया है।
एनडीएमसी व पीडब्ल्यूडी ने कई चौराहों और सड़कों के किनारे पत्थरों से बनीं विभिन्न आकर्षित मूर्तियां लगाई हैं। पीडब्ल्यूडी ने दिल्ली गेट चौराहे पर रथ का पहिया भी स्थापित किया है। चौराहों पर फव्वारे भी लगाए हैं। एनडीएमसी ने कनाॅट प्लेस में पांच स्थानों और सरदार पटेल मार्ग पर सात फव्वारे स्थापित किए हैं।
सम्मेलन के मुख्य आयोजन स्थल के बाहर पीडब्ल्यूडी ने तीन बड़े फव्वारे स्थापित किए हैं। दिल्ली गेट के चौराहे पर दो फव्वारे लगाए हैं। राजघाट चौराहे पर भी तीन फव्वारे लगाए हैं।एनडीएमसी व पीडब्ल्यूडी ने कई चौराहों और सड़कों के किनारे पत्थरों से बनीं विभिन्न आकर्षित मूर्तियां लगाई हैं। पीडब्ल्यूडी ने दिल्ली गेट चौराहे पर रथ का पहिया भी स्थापित किया है। चौराहों पर फव्वारे भी लगाए हैं। एनडीएमसी ने कनाॅट प्लेस में पांच स्थानों और सरदार पटेल मार्ग पर सात फव्वारे स्थापित किए हैं। सम्मेलन के मुख्य आयोजन स्थल के बाहर पीडब्ल्यूडी ने तीन बड़े फव्वारे स्थापित किए हैं। दिल्ली गेट के चौराहे पर दो फव्वारे लगाए हैं। राजघाट चौराहे पर भी तीन फव्वारे लगाए हैं।
विकसित देशों के राष्ट्र अध्यक्षों को विकासशील भारत की राजधानी दिल्ली में अपने देश जैसी तस्वीर दिखाई देगी। उनको एयरपोर्ट से होटलों और वहां से सम्मेलन के आयोजन स्थल व राजघाट और अन्य स्थानों पर जानेे व आने के दौरान भारत की संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिलेगा।