गांव-गांव पहुंची स्वास्थ्य सुविधाएं

कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर और उद्योगों में बेहतर प्रदर्शन कर रहा मध्यप्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं में भी नए प्रतिमान गढ़ रहा है। अस्पतालों और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में मिलने वाली मुफ्त दवाई और कैंसर के इलाज से लेकर डाइलिसिस सेवाओं तक हर क्षेत्र में मध्यप्रदेश में जबरदस्त काम हुआ है। आयुष्मान कॉर्ड वितरण में भी मध्यप्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल है। कोरोना काल में भी डेटा कलेक्शन, आइसोलेशन से लेकर वैक्सीनेशन में भी मध्यप्रदेश सरकार ने दूसरे राज्यों के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया था।

आपदा में अवसर

जब बड़े-बड़े देश कोरोना संकट से उबरने के उपाय तक नहीं ढुंढ पा रहे थे, तब मप्र ने आपदा को अवसर ढुंढ स्वास्थ्य सुविधाओं को और भी मजबूत बनाया। पिछले तीन सालों में स्वास्थ्य संस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए 861 संस्थाओं का उन्नयन और विकास हुआ है। इनमें 278 स्वास्थ्य केन्द्र, 426 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 74 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 71, सिविल अस्पताल और 12 जिला अस्पताल शामिल है। इसी अवधि में 646 नए भवन भी निर्मित हुए। इनमें 2 जिला चिकित्सालय, 12 सिविल अस्पताल, 18 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 27 प्राथमिक स्वास्थ्य और 587 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं।

आईसीयू बेड की संख्या में इजाफा

कोविड-19 से पहले मध्यप्रदेश में मात्र 277 आईसीयू बेड थे जिन्हें बढ़ाकर 2085 किया गया है। सभी 52 जिला चिकित्सालय में एलएमओ टैंक और अस्पतालों में 209 पी एस ए प्लांट स्थापित किए गए हैं। जिला चिकित्सालयों के 60 प्रतिशत बिस्तरों पर ऑक्सीजन सप्लाई की उपलब्धता और सभी जिला चिकित्सालय में आईसीयू वार्ड बनाकर 730 बिस्तर की व्यवस्था की गई है। साफ है स्वास्थ्य सेवाओं में एमपी बेमिसाल हो रहा है।

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