अप्टा द्वारा राष्ट्र निर्माता शिक्षकों के लिए किया गया सम्मान समारोह का आयोजन, वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पर हुई चर्चा

अपने सपनों को अंधेरों में न खोए विद्यार्थीः कुलपति

आगरा।

विद्यार्थी अपने सपने को अंधेरों में न खोएं। ग्लोबलाइजेशन के दौर में आय जे युवाओं के पास बहुत विकल्प हैं। जरूरत अपने सपनों को जिन्दा रखते हुए अपनी 7मताओं को पहचानना है। अभिभावकों को भी बच्चों के प्रति थोड़ा जिम्मेदार होने की जरूरत है। विशेषकर नके कैरियर के सम्बंध में। अप्टा द्वारा आयोजित शिक्षकों के सम्मान समारोह में यह बात विवि की कुलपति आशू रानी ने कही। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के 15 शिक्षकों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
अप्टा (आगरा प्रोग्रेसिव टीचर्स एसोसिएशन) द्वारा एमसीईआई कम्प्यूटक सेन्टर, कमला नगर में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षकों के ले सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। अतिथियों का स्वागत करते हुए अप्टा के संस्थापक डॉ सुनील उपाध्याय ने शिक्षा की वर्तमान व्यवस्था पर चर्चा करते हुए कहा पहले शिक्षकों से विद्यार्थी डरा करते थे, आज शिक्षकों को डर लगता है। यह स्थिति समाज व देश के विकास के लिए ठीक नहीं। विद्यार्थी कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं। उन्हें सही गलत का अन्तर नहीं पता होता। इसलिए घर में माता-पिता और स्कूलों में शिक्षकों को डर आवश्यक है। जिससे वह सही दिशा की ओर बढ़ सके।

अध्यक्ष मोहित दीक्षित ने विद्यार्थियों में बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों पर चर्चा करते हुए कहा कि अभिभावकों को विद्यार्तियों पर अपनी अपेक्षाएं थोपने से बचना चाहिए। संचालन मुकेश मीरचंदानी ने किया। मंच पर सह संयोजक प्रदेश शिक्षा प्रकोष्ठ के यादवेन्द्र प्रताप सिंह भी मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्य रूप से रवि नारंग ,पलाश अग्रवाल, नीरज शर्मा, संतोष गुप्ता, सुभाष चंद्र झा, ब्रजेन्द्र शर्मा, सत्यवीर सिसोधिया, प्रवेद्र चौहान,

सम्मानित किए जाने वाले शिक्षकों के नाम
पुनीत चतुर्वेदी ,डॉ योगेश मिश्रा, कार्तिक गर्ग, अनिल राजवानी, वैभव बंसल, नितिन मित्तल, अपूर्व बंसल, दीपक धनकानी, अंकुर काबरा, उमेश टिन्ना, शैलेंद्र समाधिया, भास्कर, पवन धनवानी, मुकेश मिरचंदानी, डॉ रोहित दीक्षित।

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