नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन रूस की यात्रा पर अपनी ट्रेन से पहुंचे। रूस पहुंचते ही उनकी ट्रेन के सारे पहिए बदल दिए गए। यह ट्रेन उनकी विशेष ट्रेन है जोकि पूर्णतः बुलेटप्रूफ है। इसकी खास बात ये है कि यह ट्रेन उनको अपने पिता से विरासत में मिली है। यह गहरे ही रंग की है और इसमें 15 डिब्बे हैं। पूरी ट्रेन विशिष्ट सुविधाओं से लैस है और बुलेटप्रूफ है।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनका स्वागत किया। किम जोंग उन जिस ट्रेन से रूस पहुंचे, वह उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली है। डार्क ग्रीन कलर की इस ट्रेन का नाम Taeyangho है, जिसका कोरियन में मतलब ‘सूर्य’ होता है।
आर्मर्ड होने के चलते इस ट्रेन का वजन, सामान्य ट्रेनों के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। भारी-भरकम होने की वजह से यह ट्रेन अधिकतम 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चल सकती है। इसलिए किम जोंग उन को रूस तक महज 1180 किलोमीटर का सफर तय करने में 20 घंटे से ज्यादा लग गए।
ऐशो-आराम की ऐसी कोई सुविधा नहीं है, जो किम जोंग उन की ट्रेन में मौजूद न हो। ट्रेन में कोरिया, चीन, जापान और रूसी खानपान के लाइव काउंटर्स हैं। साथ ही दुनिया भर की महंगी और लग्जरी शराब उपलब्ध होती है। एंटरटेनमेंट के लिए तमाम सिंगर भी मौजूद होते हैं, जो लाइव परफॉरमेंस देते हैं। किम जोंग उन का मन बहलाने के लिए तरह-तरह के खेल एवं अन्य कार्यक्रमों का आयोजन भी होता रहता है।
रूस के बार्डर पर पहुंचते ही किम जोंग उन की ट्रेन के सारे पहिये बदले गए, क्योंकि उत्तर कोरिया और रूस की रेलवे गेज यानी पटरियों का साइज अलग-अलग है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस से लौटते समय उत्तर कोरिया के बॉर्डर पर पहुंचने के बाद एक बार फिर ट्रेन के व्हील्स चेंज करने होंगे।