रेफरल अस्पताल गोगरी में एमओआईसी ने 38 फाइलेरिया रोगियों के बीच किया एमएमडीपी किट का वितरण 

 गोगरी प्रखंड में कार्यरत विभिन्न फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के 9 लोगों के बीच भी किया गया किट का वितरण  

खगड़िया।

सोमवार को रेफरल अस्पताल गोगरी में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंद्रप्रकाश के द्वारा कुल 38 फाइलेरिया के रोगियों के बीच मॉर्बिलिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबल्टी प्रीवेंशन (एमएमडीपी) किट का वितरण किया गया। इस अवसर पर गोगरी प्रखंड क्षेत्र में कार्यरत फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से जुड़े कुल 9 लोगों के बीच भी एमएमडीपी किट का वितरण किया गया।

इस अवसर पर वेक्टर बॉर्न डिजीज सुपरवाइजर (वीबीडीएस) रघुनायक, ब्लॉक कम्युनिटी मोबिलाइजर (बीसीएम) प्रभाकर, सीफार के डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर अंजनी कुमार मिश्रा, पिरामल स्वास्थ्य के ब्लॉक कॉर्डिनेटर श्रवण कुमार सहित प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों से फाइलेरिया रोगियों को अस्पताल लाने वाली आशा कार्यकर्ता उपस्थित थीं।  

एमएमडीपी किट के सही इस्तेमाल और नियमित व्यायाम से 70% तक फाइलेरिया को किया जा सकता है नियंत्रित : एमओआईसी -फाइलेरिया रोगियों को संबोधित करते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंद्रप्रकाश ने बताया कि फाइलेरिया की बीमारी क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है। इसकी वजह से व्यक्ति का पैर सहित अन्य अंग काफी मोटा हो जाता है। इसी वजह से इस बीमारी को बोलचाल की भाषा में हाथीपांव भी कहा जाता है। क्योंकि व्यक्ति का पैर हाथी के पैर के समान काफी मोटा हो जाता है। जिससे व्यक्ति आजीवन एक दिव्यांग की जिंदगी जीने को मजबूर हो जाता है।

इस बीमारी में व्यक्ति के पैर, हाथ सहित अन्य अंग जैसे महिलाओं में स्तन, पुरुषों में अंडकोष फुलकर काफी मोटा और बड़ा हो जाता है। इसमें एक प्रकार का गंदा पानी जमा हो जाता है। इस गंदा पानी को नियमित व्यायाम और रात में पैर के नीचे तकिया लगा कर बाहर निकाला जा सकता है। जिससे पैर सहित अन्य अंग का मोटापा काफी कम हो जाता है।

इसके अलावा एमएमडीपी किट का सही तरीके से इस्तेमाल करने के बाद फाइलेरिया के ग्रसित अंग की सही तरीके से साफ- सफाई और उचित देखभाल की जा सकती है। यही दो उपाय हैं, जिसका इस्तेमाल कर फाइलेरिया  बीमारी को 70% तक नियंत्रित किया जा सकता है।  गोगरी के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के कुल 9 फाइलेरिया पेशेंट सहित कुल 38 लोगों के बीच किट का वितरण किया गया।

 रेफरल अस्पताल गोगरी में कार्यरत वेक्टर बॉर्न डिजीज सुपरवाइजर (वीबीडीएस) रघुनायक ने बताया कि सोमवार को प्रखंड क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता और पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के लीडर के सहयोग से कुल 38 फाइलेरिया के रोगियों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया । उन्होंने बताया  गोगरी पंचायत में कार्यरत मां दुर्गा पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से दो पेशेंट, उसरी गांव में कार्यरत मां गंगा पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से दो , कुंडी गांव में कार्यरत मां काली पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से चार  और लतामबाड़ी गांव में कार्यरत जय हनुमान पर्सेंट सपोर्ट ग्रुप से आए एक पेशेंट के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। 

इस अवसर पर वीबीडीएस रघुनायक और पिरामल स्वास्थ्य के ब्लॉक कॉर्डिनेटर श्रवण कुमार के द्वारा विस्तारपूर्वक एमएमडीपी प्राप्त करने वाले सभी फाइलेरिया पेशेंट को किट के बेहतर इस्तेमाल करने के तरीकों और बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी गई। 

एमएमडीपी किट से फाइलेरिया से ग्रसित अंगों कि साफ सफाई में मिलेगी मदद : सोमवार को रेफरल अस्पताल गोगरी में एमएमडीपी किट प्राप्त करने वाले रामजी राय, नरेश दुबे,  रणधीर यादव ने बताया कि हमलोग नियमित रूप से दिन में कम से कम दो बारअपने पैर की साफ- सफाई और एक्सरसाइज करते हैं। आज एमएमडीपी किट मिलने के बाद हमलोगों को पैर की साफ- सफाई में बहुत मदद मिलेगी। आज जिस तरीके से किट का इस्तेमाल करने के लिए बताया गया है, हमलोग उसी तरह से अपने पैर की साफ सफाई करेंगे।

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