भारत में गैंगस्टर आतंकी सिंडिकेट पर नकेल कस रही है राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए

नई दिल्ली।

भारत में गैंगस्टर आतंकी सिंडिकेट पर नकेल कस रही है राष्ट्रीय जांच एजेंसी। एनआईए की जांच में पाया गया है कि खालिस्तान-गैंगस्टर्स का नेटवर्क 90 के दशक में मुंबई में तैयार हुए ISI-गैंगस्टर नेक्सस की तरह काम कर रहा है।

जिस तरह वोहरा कमेटी की जांच में बॉलीवुड-अंडरवर्ल्ड के बीच संबंधों का खुलासा हुआ था ठीक उसी तरह कनाडा, पाकिस्तान व अन्य देशों में मौजूद गैंगस्टर्स से खालिस्तानी आतंकी बने इन फरार अपराधियो और पंजाब के कई सिंगर्स, कारोबारियों, कब्बडी खिलाड़ियों और वकीलों के बीच संबंधों का भी जांच के दौरान खुलासा हुआ है।

एनआईए ने अपनी चार्जशीट में ये भी लिखा है कि अर्शदीप डल्ला और कई अन्य सिंडिकेट के संपर्क कई विदेशी खुफिया एजेंसियों से है, खास तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से हैं जो इसका इस्तेमाल भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ कर रही है।

जांच में सामने आया कि अर्शदीप डल्ला और उसके सिंडिकेट की फंडिंग का मुख्य स्रोत जमीनों-इमारतों पर कब्जा करना, जबरन महंगी जमीनों को कौड़ियों के दाम पर खरीदना। साथ ही, इस सिंडिकेट ने पॉवर और डर के दम पर राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स से संबंधों को मजबूत कर सिंडिकेट को बड़ा किया।

अर्शदीप डल्ला के करीबी या फिर कहें उसके सिंडिकेट का हिस्सा रहे सुनील बालियान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया, नवीन बाली और नीरज बवाना और कौशल चौधरी, अमित डागर सभी ने पहले गुरुग्राम में रियल एस्टेट के शुरुआती चरण में दखल दिया और बाद में खुद को गैंगस्टर-आतंकवादी सिंडिकेट में तब्दील कर लिया।

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