पितृपक्ष में खरीदारी अथवा शुभ कार्य करने में कोई विघ्न नहीं होता

पितृपक्ष में खरीदारी अथवा शुभ कार्य करने में कोई विघ्न नहीं होता, बल्कि पितरों का आशीष मिलता है जो जीवन समृद्धशाली बनाता है। पितृपक्ष पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का महापर्व होता है। अतः हमें इन दिनों में नई खरीददारी, शुभ व मांगलिक कार्य भी करने चाहिए जिससे हमारे पितृ खुश होंगें और अपने बच्चों की सुख समृद्धि के लिए आशीर्वाद देंगें। क्योंकि चाहे कोई भी हो, अपने बच्चों की तरक्की ओर उसके द्वारा किये गए मांगलिक कार्यों से नाराज नही होता।

जैसे हमारे जीवित माता पिता, दादा दादी, परदादा परदादी आदि सभी अपने बच्चों के द्वारा किये शुभ कार्यों, नई खरीददारी, जमीन जयदाद खरीदने, नया कारोबार शुरू करने, कारखाने लगाने आदि कार्य देखकर प्रसन्न होते हैं और सफलता व समृद्धि के लिए आशीर्वाद देती हैं, उसी प्रकार हमारे पूर्वज भी हमारे नए कार्यों, कारोबार हमारी तरक्की से प्रसन्न होते हैं और हमारी सफलता और समृद्धि के लिए आशीर्वाद देते हैं। अतः हमें कुछ रूढ़िवादी लोगों द्वारा फैलाई गई भ्रांतियों सी बाहर निकलकर तर्कसंगत होकर चलना चाहिए।

इस बार 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक चलने वाले पितृपक्ष में शुभ कार्य व खरीदारी करने का विशेष संयोग है। सनातन धर्म के मर्मज्ञों का कहना है कि पितृपक्ष में खरीदारी अथवा शुभ कार्य करने में कोई विघ्न नहीं होता बल्कि पितरों का आशीष मिलता है जो जीवन समृद्धशाली बनाता है।

श्रीधर्मज्ञानोपदेश संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार, पितृपक्ष सौभाग्य को जागृत करने वाला महापर्व है। इस कालखंड में वंशजों को आशीष देने के लिए पितर दिव्य लोक से पृथ्वी पर आते हैं। धर्मग्रंथों में पितृपक्ष में खरीदारी व शुभ कार्य वर्जित नहीं है।

पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार पितृपक्ष में खरीदारी न करने की भ्रांति फैलाई गई है। किसी शास्त्र में ऐसा नहीं लिखा है कि पितृपक्ष में नई वस्तु न खरीदें अथवा नया कार्य न करें।

इस बार पितृपक्ष में खरीददारी व अन्य शुभ कार्यों के के कुछ विशिष्ट मुहूर्त इस प्रकार हैं –

  • 5 अक्टूबर को सप्तमी तिथि में मृगशिरा नक्षत्र है। इसमें भूमि, वस्त्र व औषधि क्रय करना उत्तम रहेगा।
  • 7 अक्टूबर को नवमी तिथि में पुनर्वसु नक्षत्र है। आभूषण, बर्तन, वस्त्र की खरीदारी शुभकारी होगा।
  • 8 अक्टूबर को दशमी तिथि में रवि पुष्य नक्षत्र है। वाहन, आभूषण, रत्न, फर्नीचर सहित भौतिक सुख की वस्तुएं खरीद सकते हैं।
  • 12 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि में पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र है। फर्नीचर, वस्त्र औषधि, आभूषण खरीदना चाहिए।
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