परमाणु परीक्षण पोखरण में किया गया था प्याज का इस्‍तेमाल

परमाणु परीक्षण पोखरण में प्याज का इस्‍तेमाल किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि अटल जी की सरकार ने 11 मई 1998 को जब पोखरण में परमाणु बम का परीक्षण किया था तो कई टन प्‍याज वहां दबाया गया था। आख‍िर परमाणु परीक्षण के लिए प्‍याज इतना जरूरी क्‍यों है?

भारत ने चंद मिनटों के अंदर 58 किलो टन क्षमता के परमाणु बम का परीक्षण कर पूरी दुनिया को हिला दिया था। अभ‍ियान में मुख्य भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक अनिल काकोडकर ने स्‍वीकार किया था कि परीक्षण के दौरान प्‍याज का उपयोग किया गया था। उन्‍होंने इसकी वजह भी बताई थी।

अनिल काकोडकर ने बताया था कि परमाणु विस्फोट के दौरान अल्फा, बीटा व गामा किरणें निकलती हैं। इनमें से गामा रेज काफी घातक होती है। यदि गामा किरणें किसी के शरीर तक पहुंच जाए तो शरीर के ब्लड टिशू को नष्ट करना शुरू कर देती है और इससे काफी नुकसान होने का डर रहता है। प्‍याज इन गामा रेज को बहुत अच्छी तरह से सोख लेता है, जिससे यह खतरनाक किरणें ज्‍यादा दूर तक नहीं फैल पातीं। भौतिक वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसल‍िए जब पोखरण में परीक्षण किया गया तो भारी मात्रा में प्‍याज शॉफ्ट में भरा गया था, ताकि विकिरण न फैले। शॉफ्ट के चारों तरफ इसे अच्‍छे से बिछाया गया था।

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