महादेव बेटिंग ऐप से सट्टा व्यापार में छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारी, राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत

महादेव बेटिंग ऐप से सट्टा व्यापार में छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारी, राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। ईडी की अब तक की जांच में छत्तीसगढ़ के लोकल पुलिस, नौकरशाह और नेताओं की सांठगांठ का भी खुलासा हुआ है। इन पुलिसवालों, सरकारी बाबुओं और नेताओं को दुबई से हवाला के जरिए मोटी रकम छत्तीसगढ़ पहुंच रही थी।

जांच में सामने आया है कि दुबई से ये रकम पहले रायपुर में एक ज्वेलर को भेजी जाती थी। छत्तीसगढ़ पुलिस में एक एएसआई का साथी, रायपुर के ज्वेलरी शॉप से पैसे लेता था और फिर एपीआई जाकर रिश्वत की रकम दूसरे पुलिस अधिकारियों, सरकारी बाबू और राजनेताओं तक पहुंचाता था। सट्टेबाजी के इस गैंग में रायपुर के एक एडिशनल एसपी की संलिप्तता सामने आई है।

बताया रहा है कि एडिशनल एसपी को हर महीने 55 लाख रुपए दिए जा रहे थे। इसके अलावा छत्तीसगढ़ पुलिस के ड्रग्स और इंटेलिजेंस विंग में तैनात कुछ आईपीएस ऑफिसर को कुल 75 लाख रुपए हर महीने बांटे जाते थे। जैसे कोई मामला सामने आता था उसे दबाने के लिए रिश्वत की रकम बढ़ा दी जाती थी। इसके साथ-साथ छत्तीसगढ़ सीएमओ में ओएसडी पद पर तैनात कुछ बड़े अधिकारियों के भी इस नेक्सस में शामिल होने का खुलासा हुआ है।

महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप पर एक नंबर शेयर किया जाता था जिस पर सिर्फ व्हाट्सऐप एप्लीकेशन के जरिए ही संपर्क होता था। जब यूजर्स एक बार इस नंबर पर संपर्क करता था तो उसे दो अलग-अलग नंबर दिए जाते थे। एक नंबर पर संपर्क करके पैसा लगाया जाता था और पॉइंट आईडी इकट्ठा की जाती थी जो कि यूजर्स की ओर से वेबसाइट पर बनाई जाती थी। दूसरे नंबर का इस्तेमाल जीत की रकम को कैश में तब्दील करने के लिए किया जाता था। इसके जरिए ही पैसे को लेकर लोगों से बातचीत होती थी।

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