राष्ट्रधर्म का प्रतिनिधित्व करता है विजयदशमी पर्व

स्वयंसेवकों ने किया शस्त्र पूजन

धर्म, संस्कृति और मां भारती की रक्षा का लिया प्रण

पूर्ण गणवेश में नजर आए संघ के स्वयंसेवक एवम पदाधिकारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चन्द्रनगर के तत्वाधान में विजयदशमी पर्व नगर में जगह जगह धूमधाम के साथ मनाया। इस अवसर पर उपस्थित संघ के स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन किया।

अधर्म पर धर्म की जीत का संदेश देता विजयदशमी उत्सव सर्वसमाज के लिए प्रेरणा का केंद्र है। विजयादशमी पर्व राष्ट्रधर्म का प्रतिनिधित्व करता है। यह उत्सव आत्मशुद्धि का प्रतीक पर्व है। मां दुर्गा अपने सभी हाथों में अस्त्र-शस्त्र रखतीं हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर असुरों व विधर्मियो का संहार किया जा सके। यह उद्गार आरएसएस के पदाधिकारियों ने मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि आरएसएस की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में की थी। उस समय केवल 5 स्वयंसेवक थे लेकिन आज यह वट वृक्ष के रूप में समाज में है।

इस अवसर पर सभी स्वयंसेवक बंधु पूर्ण गणवेश में उपस्थित रहे। उपस्थित स्वयंसेवकों द्वारा शस्त्रों का पूजन भी किया गया साथ ही अपनी संस्कृति व धर्म की रक्षा के लिए संकल्प भी लिया।

विदित हो संघ की दृष्टि से चंद्र नगर को 10 नगरों में विभाजित किया गया है तथा प्रत्येक नगर में 6 अथवा 7 बस्तियां निश्चित है। इस प्रकार संपूर्ण नगर में 70 बस्तियां हैं। विजयदशमी पर्व संघ के प्रमुख छह उत्सवों में से एक उत्सव है इसीलिए इसका आयोजन बस्ती स्तर पर जगह-जगह किया गया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से संघ के सभी पदाधिकारी एवम स्वयंसेवक बंधु उपस्थित रहे।

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