मणिपुर के इंफाल एयरपोर्ट पर दिखाई दिया आसमान में संदिग्ध UFO या चीनी जासूसी विमान, ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है। लेकिन इसके दिखाई देने से एयरपोर्ट अधिकारियों में हड़कंप मच गया और 4 घण्टे तक विमान सेवाओं को रोकना पड़ा। इसके अलावा कुछ विमानों को डायवर्ट भी किया गया। संदिग्ध वस्तु क्या थी इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन चीन की ओर से की जा रही जासूसी की चर्चा जरूर शुरू हो गई है।
शुरुआती रिपोर्ट्स की मानें तो यह अज्ञात वस्तु कुछ और नहीं बल्कि यूएफओ हो सकती है। इस बात में कितनी सच्चाई है? क्या सच में एलियंस का अस्तित्व है? या फिर वो चीन का कोई जासूसी ड्रोन था? ये तो जांच के बाद ही पता लगेगा।
अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यूएफओ केवल विदेशी सर्विलांस ऑपरेशन या हवा में तैरने वाली चीजें हैं। अमेरिकी सरकार अब यूएफओ को यूएपी कहती है। अमेरिका अधिकारियों का कहना है कि कई यूएपी घटनाओं की पहचान आधिकारिक तौर पर सामान्य चीनी सर्विलांस ड्रोन के तौर पर हुई है।
इंफाल में दिखने वाले UFO भी पड़ोसी चीन का जासूस ही लगता है क्योंकि जिस तरह से चीन लगातार दुनिया अलग-अलग देशों में अपने जासूसी UFO जैसे दिखने वाले गुब्बारे भेज चुका है। चीन पर सवाल इसलिए भी खड़े होते हैं क्योंकि चीन ने मणिपुर के नजदीक म्यांमार के कोको द्वीप को अपनी जासूसी गतिविधियों का अड्डा बना लिया है। यहां रनवे, हैंगर और सर्विलांस सिस्टम लगे हुए हैं। म्यांमार के कोको द्वीप पर चीन का सीक्रेट सैन्य अड्डा बन चुका है और इससे भारत की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं।