प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के मुख्यमंत्री व राज्यपाल साथ श्रीकृष्ण जन्मस्थान का किया दर्शन

प्रधानमंत्री जी ने बृज रज महोत्सव में प्रतिभाग कर संत मीराबाई की स्मृतियों को संजोया

प्रधानमंत्री जी संत मीराबाई की स्मृति में जारी किया डाक टिकट एवं 525 रूपये का सिक्का

सांसद श्रीमती हेेमा मालिनी ने कार्यक्रम में संत मीराबाई के जीवन चरित्र पर अभिनीत लघु नाटिका एवं भाव नृत्य-भक्त की दी भावभीनी प्रस्तुति

मथुरा

भगवान श्री कृष्ण एवं श्री राधारानी की पावन बृजभूमि पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त संत मीराबाई की 525 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित संत मीराबाई जन्मोत्सव कार्यक्रम में मीराबाई जी के सम्मान में स्मारक डाक टिकट एवं विशेष 525 रूपये का सिक्का जारी किया।

संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश बृजतीर्थ विकास परिषद, जिला प्रशासन एवं हस्तशिल्प मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से रेलवे ग्राउण्ड में आयोजित बृजरज उत्सव-2023 में मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रधानमंत्री जी को लड्डू गोपाल को स्मृति स्वरूप भेंट किया तो वहीं सांसद श्रीमती हेमा मालिनी जी द्वारा प्रधानमंत्री जी को संत मीराबाई जी की प्रतिमा भेट की गयी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री समेत अन्य अतिथिगणों ने संत मीराबाई के जीवन चरित्र को प्रदर्शित करती डाक्यूमेंट्री फिल्म भी देखी। उन्होंने परिसर में स्थापित विभिन्न विभागों की विकासपरक योजनाओं की स्टाॅल्स एवं प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। कार्यक्रम में सांसद श्रीमती हेमामालिनी द्वारा संत मीराबाई के जीवन चरित्र पर अभिनीत लघु नाटिका एवं भाव नृत्य-भक्त मीरा वैले की प्रस्तुति दी गयी।

प्रधानमंत्री मोदी जी ने ’’राधे-राधे’’ और ’’जय श्री कृष्ण’’ से अपने सम्बोधन की शुरूआत करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज बृज और बृजवासियों के दर्शन का अवसर मिला है। यहां वही आता है, जिसे श्रीकृष्ण बुलाते हैं, यह कोई साधारण धरती नहीं है, बल्कि यह श्यामा-श्याम जी का अपना धाम है। यहां बृजलाल जी भी हैं और लाड़ली भी, बृजमण्डल उनके प्रेम का साक्षात गवाह है। यह बृज है, जिसकी रज भी पूरे संसार में पूज्यनीय है। बृज की रज-रज में राधा रानी समायी हुई हैं। यहां के कण-कण में कृष्ण समाये हुए हैं, इसलिए हमारे ग्रंथों में कहा गया है कि विश्व की सभी तीर्थ यात्राओं से अधिक लाभ मथुरा और बृज की यात्रा से मिल जाता है।

उन्होंने कहा कि आज बृजरज महोत्सव और संत मीराबाई जी की 525वीं जयंती समारोह के माध्यम से बृज में आप सभी के बीच आने का अवसर मिला है। उन्होंने बृज के स्वामी भगवान श्रीकृष्ण, राधा-रानी को पूर्ण समर्पण भाव से प्रणाम करते हुए कहा कि यहां की सांसद हेमा मालिनी भी पूरी तरह बृज रस में रम चुकी हैं। भगवान श्री कृष्ण से लेकर मीराबाई तक बृज का गुजरात से एक अलग ही रिश्ता रहा है। मथुरा के कान्हा गुजरात जाकर ही द्वारिकाधीश बने।

राजस्थान से आकर मथुरा-वृंदावन में प्रेम की धारा बहाने वाली मीराबाई ने भी अपना अंतिम जीवन द्वारिका में ही बिताया। मीरा की भक्ति वृंदावन के बिना पूरी नहीं होती। उन्होंने कहा कि जब गुजरात के लोगों को उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बृज क्षेत्र में आने का सौभाग्य मिलता है, तो वह द्वारिकाधीश की ही कृपा मानते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे तो उत्तर प्रदेश में मां गंगा ने बुलाया है। भगवान द्वारिकाधीश की कृपा से 2014 से ही आपके बीच में आकर बसकर आपकी सेवा में लीन हो गया हूँ।

संत मीराबाई का जन्मोत्सव केवल एक संत का जन्मोत्सव नहीं है। यह भारत की संपूर्ण संस्कृति, प्रेम-पराकाष्ठा का उत्सव है। यह उत्सव नर और नारायण में, भक्त और भगवान का भी उत्सव है। मीराबाई राजस्थान की उस वीर भूमि में जन्मी थी, जिसने देश के सम्मान और संस्कृति के लिए तमाम बलिदान दिए। मा0 प्रधानमंत्री जी ने कहा कि 84 कोस का यह बृजमंडल यूपी और राजस्थान को जोड़कर बनता है। मीराबाई ने भक्ति और आध्यात्म की अमृत धारा बहाकर भारत की चेतना को सींचा था। भक्ति, समर्पण और श्रृद्धा को बहुत ही आसान भाषा में सहज रूप से समझाया।

संत मीराबाई के सम्मान में आयोजित यह कार्यक्रम भारत की भक्ति के साथ-साथ भारत के शौर्य, बलिदान की भी याद दिलाता है। मीराबाई के परिवार ने राजस्थान में उस समय अपना सब कुछ झोंक दिया था। अपनी आस्था के केन्द्रों की रक्षा के लिए राजस्थान और देश के लोग दीवार बनकर खड़े रहे ताकि भारत की आत्मा, चेतना को सुरक्षित रखा जा सके। आज का यह समय हमें मीराबाई की प्रेम परंपरा के साथ-साथ पराक्रम की भी याद दिलाता है, यही भारत की पहचान है। हम एक ओर जहां बांसुरी बजाते कान्हा को देखते हैं वहीं सुदर्शन चक्रधारी वासुदेव का भी दर्शन करते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा देश नारी शक्ति का पूजन करने वाला देश रहा है। यह बात बृजवासियों से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता। यहां कन्हैया के नगर में भी लाड़ली सरकार की ही चलती है। यहां संबोधन, सम्मान सब कुछ राधे-राधे कहकर ही होता है। कृष्ण के नाम से पहले जब राधा का नाम आता है तब कहीं जाकर उनका नाम पूरा होता है। हमारे देश की महिलाओं ने हमेशा जिम्मेदारियां उठाई हैं और समाज का लगातार मार्ग-दर्शन भी किया है। उन्होंने कहा कि मीराबाई ने संत रविदास को अपना गुरु माना और खुलकर कहा भी। मीराबाई मध्यकाल की महान महिला ही नहीं बल्कि महान समाज सुधारक, पथ प्रदर्शकों में भी एक थीं। मीराबाई की भक्ति में सरलता है तो दृढ़ता भी है।

अब तो अयोध्या में भी भगवान श्री राम के मंदिर के लोकार्पण की तिथि भी आ गई है। उत्तर प्रदेश बृजतीर्थ विकास परिषद की स्थापना की गयी है, इसके माध्यम से बृज क्षेत्र का विकास किया जाएगा और अब यहां भी श्रद्धालु सुविधाजनक ढ़ंग से श्री बांके बिहारी के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि बृज क्षेत्र जोकि उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में फैला हुआ है। विभिन्न सरकारों से समन्वय और वार्ता कर सम्पूर्ण बृज क्षेत्र का विकास किया जाएगा। महाभारत काल से ही जहां भारत का पुनरूद्धार होता है उसके पीछे भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद होता है।

वृंदावन क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर यहां बुनियादी सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन ऋषि मुनियों की धरोहर योग को दुनिया के 190 देशों तक पहुॅचाने का कार्य किया गया है। मथुरा-वृंदावन और यहां के सभी तीर्थ विकास की इस श्रृंखला में पिछले साढ़े नौ वर्षों से अभियान का हिस्सा बने हैं और अयोध्या के बारे में तो देश दुनियां का हर व्यक्ति जान गया है कि जो कभी नहीं हो सकता था वह भी आपके नेतृत्व में हो गया है और अब तो सम्पूर्ण विश्व 22 जनवरी का इंतजार कर रहा है।

मा0 मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में नए भारत का निर्माण हो रहा है। आज भारत के गौरव की पताका पूरे विश्व में लहरा रही है। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री के सानिध्य में मुझे भी बृज क्षेत्र की जनता की सेवा करने का अवसर मिला है। मैंने अपने लगभग 10 साल के कार्यकाल में मथुरा क्षेत्र के विकास के लिए तमाम कार्य किए हैं, अभी और भी कार्य किये जाने शेष हैं। उन्होंने कहा कि संत मीराबाई का जीवन अलौकिक था। उन्हें एक महान संत के रूप में देखा जाता है। संत मीराबाई 15 वर्ष तक वृंदावन में रहीं लेकिन उनके निवास स्थल से लेकर कहीं भी कोई विकास कार्य नहीं हुआ। मा0 प्रधानमंत्री जी से मिलकर जब इस पर वार्ता की गयी तो उन्होंने संत मीराबाई जी के जन्मोत्सव को भव्य रूप में मनाए जाने पर अपनी सहमति व्यक्त की।

इस अवसर पर प्रदेश के मा0 उप मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक एवं श्री केशव प्रसाद मौर्य, मा0 पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह, मा0 गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, मा0 बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह, मा0 सांसद श्रीमती हेमा मालिनी, मा0 अध्यक्ष जिला पंचायत श्री किशन चैधरी, मा0 महापौर मथुरा-वृंदावन श्री विनोद अग्रवाल, मा0 विधायक मथुरा श्री श्रीकांत शर्मा, मा0 विधायक बलदेव श्री पूरन प्रकाश, मा0 विधायक गोवर्धन ठा0 मेघश्याम सिंह, मा0 विधायक मांट श्री राजेश चैधरी, मा0 एमएलसी श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी एवं ठा0 ओमप्रकाश सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी एवं उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद शैलजा कांत मिश्र, मण्डलायुक्त श्रीमती रितु माहेश्वरी, एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ, आईजी दीपक कुमार, डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह, एसएसपी शैलेश कुमार पाण्डेय, नगर आयुक्त शशांक चैधरी, सीईओ उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद नगेन्द्र प्रताप, सीडीओ मनीष मीना समेत पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

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