आरएसएस का प्रत्येक स्वयंसेवक हिंदू संस्कृति का गुमनाम नायक है : मधु पंडित दास

बैंकॉक।

थाईलैंड के बैंकॉक में ‘विश्व हिंदू कांग्रेस 2023’ को संबोधित करते हुए इस्कॉन बेंगलोर के अध्यक्ष एवं अक्षय पात्र फाउंडेशन के अध्यक्ष मधु पंडित दास ने कहा कि हिंदू संगठनों का एकीकरण जमीनी स्तर पर शुरू होना चाहिए और वैश्विक स्तर तक बढ़ना चाहिए। जब स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर प्रगति दिखाई देगी, तो नीचे से ऊपर का दृष्टिकोण हिंदू समुदाय के उच्च स्तर पर नीतियों और कार्यों को प्रभावित करेगा।

उन्होंने कहा कि इस अवधारणा का प्रमाण वह है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जमीनी स्तर पर एक संगठन के रूप में हासिल किया है। यदि पिछले 7-8 दशकों में आरएसएस के संगठनात्मक प्रयास नहीं होते, तो हमारी भारतीय संस्कृति लगभग समाप्त हो गई होती। हमें इसकी सराहना करनी होगी प्रत्येक स्वयंसेवक द्वारा प्रदान की गई विशाल सेवा, जो हमारी हिंदू संस्कृति के गुमनाम नायक हैं।

बता दें, मधु पंडित दास समाज के लिए चार दशकों से अधिक समर्पित सेवा के साथ एक अत्यधिक सम्मानित आध्यात्मिक नेता और मानवतावादी हैं। वह प्रतिष्ठित आईआईटी-बॉम्बे के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र हैं। उल्लेखनीय मंदिरों और सांस्कृतिक परिसरों से लेकर भारत की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने से लेकर विश्व स्तर पर हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने तक, उनकी प्रभावशाली पहल ने लाखों लोगों के जीवन में सुधार किया है।

वह अक्षय पात्र भोजन कार्यक्रम की स्थापना के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसने आश्चर्यजनक रूप से 4 अरब लोगों को भोजन परोसा है, जिससे भारत और विदेशों दोनों में बच्चों और समुदायों को लाभ हुआ है।

उनके उल्लेखनीय योगदान ने उनके परिवर्तनकारी कार्य को मान्यता देते हुए उन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार दिलाए हैं, जिनमें पद्म श्री, गांधी शांति पुरस्कार, निक्केई एशिया पुरस्कार और बीबीसी ग्लोबल फूड चैंपियन अवार्ड शामिल हैं।

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