सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने के लिए बाबा बौखनाग की पूजा

सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने के लिए सिलक्यारा टनल के मुहाने पर स्थापित बाबा बौखनाग के मंदिर में अब रोज पूजा अर्चना की जा रही है। बाबा बौखनाग पहाड़ों के रक्षक माने जाते हैं।

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर सुरंग से किसी भी वक्त बाहर आने वाले हैं। 17 दिन तक मौत से हर पल संघर्ष कर रहे मजदूर और उन्हें बचाने में जुटा राहत दल जल्द ही सुकून की सांस लेगा। मजदूरों के परिजन बहुत आशान्वित, उत्साहित एवं साथ ही भावुक हो रहे हैं।

राहत टीम और उसके जज्बे को लोग सलाम कर रहे हैं, इसके साथ ही साथ बाबा बौखनाग का भी आभार जता रहे हैं। लोगों का मानना है कि सुरंग के अंदर इतने दिन तक मजदूरों की रक्षा बाबा बौखनाग ने ही की और उनकी कृपा से ही मजदूर बाहर निकलने वाले हैं।

12 नवंबर को हुई इस घटना के बाद से ही तमाम राहत दल और टीमें इन मजदूरों को बचाने के प्रयास में जुट गईं थीं, लेकिन कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लग पा रही थी। 20 से ज्यादा राहत एजेंसियों ने एक नहीं कई प्रयास किए।

स्थानीय लोगों के बीच हो रहा बाबा बौखनाग का जिक्र राहत टीम तक पहुंचा। लोग दावा ये कर रहे थे कि इस सुरंग को बनाने के लिए बाबा बौखनाग का मंदिर तोड़ा गया है, जब तक यह मंदिर नहीं बनेगा, तब तक मजदूरों का बाहर आना मुश्किल है। इसके बाद सुरंग के मुहाने पर बाबा बौखनाग का मंदिर स्थापित किया गया और इसमें पूजापाठ शुरू हुई। मंगलवार को जब मजदूरों तक राहत टीम के पहुंचने की सूचना मिली। उससे पहले राहत कार्य को लीड कर रहे, अंतरराष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स भी यहां पूजा करते नजर आए थे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी मजदूरों का सकुशल बचने को बाबा बौखनाग की कृपा बताया था।

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