महिला कल्याण विभाग की उपनिदेशक श्रुति शुक्ला द्वारा कार्यशाला के दौरान मंडल के विकास हेतु बनाई गई विशेष योजना

महिला कल्याण विभाग की उपनिदेशक श्रुति शुक्ला द्वारा कार्यशाला के दौरान मंडल के संकेतकों पर प्रस्तुति दी गई।
कार्यशाला के अंतर्गत विभिन्न विभागों के मध्य कन्वर्जेन्स हेतु निम्न बिन्दुओं पर कार्ययोजना का निर्माण किया गयाः
उ0प्र0 कौशल विकास मिशनः गृहों और गैर-संस्थागत देखभाल में स्थापित बच्चों का अभिमुखिकरण व कौशल विकास पाठ्यक्रमों में पंजीकरण।

उच्च/माध्यमिक/ बेसिक शिक्षाः गृहों में आवासित बच्चों का विद्यालयों में नामांकन तथा शिक्षकों की गृहों में नियुक्ति।

गृह/पुलिसः

प्रशिक्षण कैलेंडर विकसित करते हुये निपसिड के सहयोग से मिशन वात्सल्य के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण।

विशेष किशोर पुलिस इकाइयों का प्रशिक्षण व क्षमतावद्धन।

गृह मंत्रालय की 112 पुलिस हेल्पलाइन के साथ चाइल्डलाइन सेवाओं का एकीकरण।

गुमशुदा बच्चों को खोजने हेतु बेहतर अभिसरण व समन्वय।

बच्चों के प्रकरणों में बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को जॉच अधिकारी बनाये जाने हेतु सुसंगत योजना निर्माण व अवाश्यक दिशा-निर्देश।

छोटे-अपराधों जिनमें अपराध की सजा 3 वर्ष से कम है, में बच्चों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ0आई0आर0) न लिखने और बच्चों को थाने से कानूनी प्रवधानों के अंतर्गत छोड़े जाने हेतु कार्मिकों का प्रशिक्षण और सुसंगत दिशा-निर्देश।

राज्य/जिला विधिक सेवा प्राधिकरणः प्रशिक्षण कैलेंडर विकसित करते हुये मिशन वात्सल्य के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण।

महिलाओं तथा बच्चों को निशुल्क कानूनी सहयता।

स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याणः

प्रत्येक बच्चे को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पी0एम0-जे0ए0वाई0) कार्ड प्रदान करते हुये 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज।

व्यक्तिगत देखरेख योजना और बाल चिकित्सा सेवाओं सहित किशोर न्याय नियमों के अनुसार गृहों में चिकित्साधिकारी (चिकित्सक) की सेवाओं की उपलब्धता।

गृहों के सभी बच्चों के टीकाकरण का प्रबंध।

विघि से संघर्षरत् बच्चों के प्रारंभिक मूल्यांकन हेतु क्लीनीकल मनोवैज्ञानिक/ मनोचिकित्सक/ सोशलवर्कर मनोवैज्ञानिक/परामर्शदाता की नियुक्ति।

गृहों में बच्चों के लिए नियमित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर0के0एस0के0) के अंतर्गत स्वास्थ्य जांच और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श का आयोजन।

गर्भावस्था का चिकित्सीय समापन संशोधित अधिनियम 2021 के प्रावधानों के अंतर्गत नाबालिक गर्भवती बालिकाओं को सुरक्षित गर्भापात की सुविधा।

पॉक्सो प्रकरणों में पीडित बालिकाओं के गर्भापात की स्थिति में स्थानीय पुलिस से उनके भू्रण को सुरक्षित रखने हेतुु संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण व आवश्यक दिशा-निर्देश।

पॉक्सो पीडितों सहित बाल कल्याण समितियों/किशोर न्याय बोर्ड से संदर्भित बच्चों को प्राथमिकता पर जनरल स्वास्थ्य जांच, विशेष चिकित्सीय तथा आयु परीक्षण की सुविधा।

गृहों में निवासरत् महिलाओं/ गर्भवती/ धार्त्री बालिकाओं/ महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस, किशोरी स्वास्थ्य दिवस, किशोर स्वास्थ्य केंद्र अर्श क्लीनिक/साथिया केंद्र, साप्ताहिक आयरन फोलिक वितरण, निःशुल्क सेनेटरी नेपकिन की व्यवस्था।

प्ंचायती राजः

बाल पंचायत का आयोजन।

ब्लॉक और ग्राम स्तरीय बाल कल्याण व संरक्षण समितियों की सुविधा हेतु मानकनुसार 5 प्रतिशत बजट आवंटन।

विभिन्न स्तरों पर गठित बाल कल्याण तथा संरक्षण समितियों को सशक्त करने हेतु विभाग के अंतर्गत कार्यरत् कार्मिकों का प्रशिक्षण व सुसंगत दिशा-निर्देश।

श्रमः

शिक्षा मंत्रालय के समग्र शिक्षा अभियान के साथ विलय की जाने वाली राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना योजना के अनुसार बाल श्रम की घटनाओं को कम करने और बाल श्रमिकों के पुनर्वास हेतु मानक संचालन प्रक्रिया का निर्माण।

रेस्क्यू अभियानों का संचालन।

रेस्क्यू किये गये बच्चों को अन्य विभागों की विभिन्न योजनाओं हेतु संदर्भित करना।

बाल श्रम करा रहे न्योक्ताओं पर कानूनी कार्यवाही करते हुये महिला एवं बाल विकास विभाग को अवगत कराना।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहारः बाल देखरेख संस्थाओं में आवासित छोटे बच्चों व किशोरी बालिकाओं/गर्भवती धात्रियों को आंॅगनवाड़ी केन्द्रों से जोड़ते हुये विभिन्न पोषण व स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों का लाभ।

अनुभव के आधार पर समय-समय पर बच्चों के भोजन मेन्यू में गुणवत्ता पूर्ण पोषण को शामिल करने हेतु सुक्षाव।

विभिन्न स्तरों पर गठित बाल कल्याण तथा संरक्षण समितियों को सशक्त करने हेतु विभाग के अंतर्गत कार्यरत् कार्मिकों का प्रशिक्षण व सुसंगत दिशा-निर्देश।

खेलकूद विभागः

संस्थाओं में निवासरत् बच्चों को विभाग की योजनाओं का लाभ देने हेतु आवश्यक योजना निर्माण व क्रियान्वयन।

गृहों सहित अन्य बच्चों के समग्र विकास हेतु खेलकूद का मैदान प्रत्येक बच्चे की पहुंच में हो, इस हेतु महिला कल्याण, ग्रामीण व शहरी विकास व अन्य विभागों के साथ योजना निर्माण।

समाज कल्याणः संबंधित गृहों में नशामुक्ति गतिविधियां।

दिव्यांगजन कल्याणः गृहों में दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना का लाभ।
कार्यशाला में सभी जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, मुख्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग से राज्य सलाहकार नीरज मिश्र व प्रीतेश तिवारी सहित जनपद जनपद आगरा, मथुरा, फिरोज़ाबाद तथा मैनपुरी से जिला प्रोबेशन अधिकारी सहित विभिन्न विभागों यथा पुलिस, स्वास्थ्य, बाल विकास सेवा एंव पुष्टाहार, दिव्यांगजन, श्रम, शिक्षा, कौशल विकास मिशन आदि के जनपद स्तरीय अधिकारी तथा बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई, वन स्टॉप सेन्टर, हब फॉर वूमेन इम्पॉवरमेन्ट, आदि के सदस्य मौजूद रहें।

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