हिमालय, कश्मीर और कच्छ के बाद सबसे ज्यादा खतरे में है दिल्ली एनसीआर, यहाँ एक साल में आये 18 भूकंप

हिमालय, कश्मीर और कच्छ के बाद सबसे ज्यादा भूकंप के खतरे दिल्ली एनसीआर में हैं। यहाँ एक साल में18 बार भूकंप आ चुका है।भूवैज्ञानिकों ने भी राजधानी और आसपास के इलाके को जोन-4 में रखा है। यहां लगातार आ रहे भूकंप और उनकी तीव्रता भी डराने वाली है।

दिल्ली NCR में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए।भूकंप का असर केवल कुछ सेकेंड ही रहा, लेकिन इसकी दहशत से लोग काफी देर तक बाहर नहीं आ सके। कंपन महसूस होते ही लोग अपने घरों और ऑफिस से बाहर निकल आए और काफी देर तक इमारतों में अंदर जाने से डरते रहे। इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का शहर फैजाबाद था जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.2 मापी गई है।

दिल्ली-NCR में लगातार आ रहे भूकंप के झटके किसी बड़ी तबाही का संकेत दे रहे हैं। यह चिंता की बात इसलिए हैं कि बीते एक वर्ष में उत्तर भारत और खासकर दिल्ली एनसीआर में भूकंप के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसके अलावा यहां आने वाले भूकंप की तीव्रता में भी लगातार इजाफा हो रहा है।

दिल्ली एक फॉल्ट लाइन पर बसी है, मथुरा, दिल्ली मुरादाबाद और सोहना तीन फॉल्ट लाइनें हैं, हिमालयन टेक्टोनिक प्लेट के नजदीक हैं। जब टेक्टोनिक प्लेट में मूवमेंट होता है तभी भूकंप आता है इसीलिए हिमालय क्षेत्र में आने वाले किसी भी भूकंप का सबसे ज्यादा असर दिल्ली में देखने को मिलता था. इसीलिए यहां सबसे ज्यादा झटके लगते हैं

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