समुद्र पर भारत का सबसे लंबा 22 किमी पुल, 16.5 किमी समुद्र पर, 5.5 किमी जमीन पर बनाया गया यह पुल ऑर्थोट्रोपीक स्टील डेक तकनीक से देश में बना पहला पुल है। दो शहरों की दूरी कम करने वाले इस प्रोजेक्ट पर 21,200 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जिनमें 15,100 करोड़ रुपए कर्ज के तौर पर लिए गए हैं। इस पुल की शुरूआत साउथ मुंबई के सेवरी से होगी और एलिफेंट द्वीप के उत्तर में ठाणे क्रीक को पार करके और न्हावा के पास चिरले गांव में खत्म होगी।
इस पुल पर कार के लिए टोल की रकम 240 रुपये रखने का इरादा बना था। इस संदर्भ में जापान इंटरनैशनल कॉपरेशन एजेंसी (जीआईसीए) को रिपोर्ट भी भेजी गई थी। कैबिनेट की बैठक से पहले आदित्य ठाकरे ने भी ट्वीट करके एमटीएचएल को टोल फ्री रखने की मांग की थी। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने 250 रुपये टोल का निर्णय लिया है।
22 किलोमीटर लंबे इस पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू होने के बाद मुंबई से नवी मुंबई का सफर केवल 20 मिनट में पूरा करना संभव हो जाएगा जोकि अभी 2 घण्टे में होता है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का उद्घाटन 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। बताया जा रहा है कि कार, टैक्सी, हल्के मोटर वाहन, मिनीबस और टू-एक्सल बसों जैसे वाहनों की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। हालांकि पुल के चढ़ने और उतरने पर गति 40 किमी प्रति घंटे तक सीमित रहेगी। मुंबई पुलिस ने “खतरे, रुकावटों और जनता के लिए असुविधा” को रोकने के लिए भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल पर गति सीमा लगाई गई है।