‘युद्ध में अयोध्या’ नामक पुस्तक AMU से गायब, जिसमें 7 बड़े मंदिरों को तोडकर मस्जिदें बनाने के बारे में लिखा है

युद्ध में अयोध्या नामक पुस्तक AMU से गायब, जिसमें 7 बड़े मंदिरों को तोडकर मस्जिदें बनाने के बारे में लिखा है। रायबरेली के अली मियां दारुल उलूम नदवतुल-उलेमा के प्राचार्य थे। मौलाना के अब्बा जान मौलाना हकीम अब्दुल हई भी नदवतुल-उलेमा के हाकिम रह चुके थे। उन्होंने एक किताब भी अरबी में लिखी थी, ‘हिंदुस्तान इस्लामी अहमदे’। अली मियां ने इसका उर्दू अनुवाद किया था। इसी किताब में मौलाना ने हिंदुस्तान में जो सात मस्जिदें मंदिर तोड़कर बनाई गईं, उनका जिक्र किया था। जिसमें एक बाबरी मस्जिद भी थी।

अयोध्या को लेकर ऐसे कई सवाल हैं। जिनके जवाब अयोध्या आंदोलन से जुड़ी खास किताब में मिलते हैं। जिसका नाम है ‘युद्ध में अयोध्या’। किताब के लेखक हैं टीवी9 नेटवर्क के न्यूज डायरेक्टर हेमंत शर्मा।

रायबरेली के तकिया गांव के रहने वाले अली मियां दारुल उलमू नदवतुल-उलेमा के प्राचार्य थे। मौलाना के अब्बा जान मौलाना हकीम अब्दुल हई भी नदवतुल-उलेमा के हाकिम रह चुके थे। उन्होंने एक किताब भी अरबी में लिखी थी, ‘हिंदुस्तान इस्लामी अहमदे’।अली मियां ने इसका उर्दू अनुवाद किया था। इसी किताब में मौलाना ने हिंदुस्तान में जो सात मस्जिदें मंदिर तोड़कर बनाई गईं, उनका जिक्र किया था। जिसमें एक बाबरी मस्जिद भी थी। इस किताब में ‘हिंदुस्तान की मस्जिदें’ अध्याय में बाबरी मस्जिद के बाबत कहा गया था, ‘इसकी तामीर बाबर ने अयोध्या में की। जिसे हिंदू रामचंद्र जी का जन्मस्थान कहते हैं। बिल्कुल उसी जगह बाबर ने मस्जिद बनवाई थी।

इस पुस्तक में मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाने की विस्तार से जानकारी दी गई थी लेकिन अब वह पुस्तक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से गायब कर दी गई है। यह किसकी करतूत है इसकी जाँच होनी चाहिए।

SHARE