शाहजहांपुर।
स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती को यौन शोषण मामले में दोषमुक्त करार दिया गया है। चिन्मयानंद के वकील फिरोज हसन खान ने बताया कि एमपी एमएलए कोर्ट ने कोई सबूत न होने कारण उन्हें बरी कर दिया है।
शाहजहांपुर के मुमुक्षु अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी ही शिष्या ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। हालांकि, चिन्मयानंद पर रेप और धमकी देने का आरोप लगाने वाली शिष्या बाद में अपने बयान से मुकर गई थी। उसने कोर्ट में कहा कि चिन्मयानंद ने उसके साथ कभी कोई अपराध नहीं किया। इसी बयान के आधार पर चिन्मयानंद बरी किए गए।
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद की एक शिष्या ने उन पर बंधक बनाकर दुराचार करने का आरोप लगाया था। शिष्या ने इस संबंध में चौक कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। तब से यह मामला शाहजहांपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था। जबकि कुछ दिन बाद ही वह शिष्या अपने बयान से मुकर गई थी और फिर उसने कहा कि उसके साथ कोई दुराचार नहीं किया गया।