अवैध मदरसा और नमाज स्थल तोड़ने पहुंची पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों उपद्रवियों पर पत्थरबाजी

हल्द्वानी।

अवैध मदरसा और नमाज स्थल तोड़ने पहुंची पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों उपद्रवियों पर पत्थरबाजी और आगजनी की गई। उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में गुरुवार शाम हिंसा भड़क गई। गुरुवार दोपहर 2 बजे 600 से ज्यादा पुलिसकर्मी बनभूलपुरा थाने पर इकट्ठा हुए।

शहर के मलिक का बगीचा में स्थित अवैध मदरसा और नमाज स्थल को तोड़ने के लिए नगर निगम के कर्मचारी और पुलिसकर्मी आगे बढ़े। उसी दौरान शाम 4 बजे इलाके के स्थानीय लोगों ने पुलिस पर तीन तरफ से पत्थरबाजी और हमला कर दिया। पुलिसकर्मी बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाकर वहां से भागे। हर गली और हर छत के ऊपर से पत्थरों की बौछार पुलिस के ऊपर की गई।

बनभूलपुरा थाने को भी उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। उपद्रवियों ने इलाके में खड़ी पुलिस की और प्राइवेट गाड़ियों में आग लगा दी। इस हिंसा में 6 लोंगों की मौत और करीब 200 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

हिंसा के दौरान उपद्रवियों द्वारा चारों ओर से पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी की गई, जिसमें 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी सहित 200 लोग जख्मी हो गए। हिंसा में पत्रकार और नगर निगम के कर्मचारी भी घायल हुए हैं।

पुलिस फोर्स को ये निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी कानून को अगर हाथ में लेता है और उपद्रव करता है तो उसको गोली मार दी जाए। थाने के अंदर एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों उपद्रवी घुस गए। थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी के कार्यालय में तोड़फोड़ की और आग लगाने का प्रयास किया। थाने में घुसे उपद्रवियों के हाथों में पेट्रोल से भरे बोतल तक थे।

उपद्रवियों ने थाने के बाहर खड़ी पुलिस व पीएसी की गाड़ियां और बाइक फूंक दीं। 20 से ज्यादा बाइकों में आग लगा दी। थाने के अंदर और बाहर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। पुलिस अधीक्षक हरीश चंद्र वर्मा सहित 40 जवान थाने में ही फंस गए थे। इनमें ज्यादतर महिला पुलिसकर्मी थाने में फंस गई थी। थाने पर हमले के वक्त महिला सिपाही घटना की जानकारी वायरलेस सेट पर उच्चाधिकारियों को दे रही थीं। वह कहती हैं, ‘सर हमें बचा लो….’ इसी बीच अचानक लाइन कट गई। इसके साथ ही उपद्रवियों ने पुलिस और प्रेस लिखी बाइकों को भी तोड़ा और आग लगा दी। बनभूलपुरा में करीब सात से अधिक मीडियाकर्मियों की बाइक फूंक दी गईं।

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