नई दिल्ली।
किसान आंदोलन के नाम पर किसान आतंकवाद का रूप मंगलवार को दिल्ली में देखने को मिला। DSP सहित 24 पुलिसकर्मी गम्भीर रूप से घायल हुए हैं। किसानों द्वारा अनेक माँगो को लेकर आंदोलन किया जा रहा है लेकिन इस आंदोलन की आड़ में कई उपद्रवी लोग एवं संगठन इसे विकराल रूप देने में लगे हुए हैं।
किसानों की मांग है कि किसानों पर जो कर्ज है उसे पूरी तरह से माफ कर दिया जाए। न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी कानून की गारंटी मिले, इसका मतलब सरकार एमएसपी को लेकर कानून बनाए। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को फिर से लागू किया जाए। किसानों के ऊपर जितने मुकदमें हैं सभी को खत्म किया जाए। 58 वर्ष से ज्यादा ऊम के किसानों और मजदूरों को 10,000 रुपए प्रति माह की पेंशन दी जाए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बीमा प्रीमियम का भुगतान भी सरकार ही करे।
ऐसी ही अनेक बेतुकी मांगों को लेकर किसान आंदोलन के नाम पर आतंकवाद फैलाया जा रहा है जिसे कुछ आतंकवादी ग्रुप फंडिंग कर रहे हैं। कुछ किसान नेता इन आंदोलनों की बदौलत करोड़पति बन गए हैं, उनके बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं, जबकि जो असली किसान है वे सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं।
किसान आंदोलन की तस्वीरें ऐसी आ रही हैं जिनका सीधा संदेश ये है कि हमारे पास ताकत है, उन्मादी भीड़ है, ट्रैक्टर्स हैं तो हम कुछ भी करेंगे, कोई भी बात मनवाने की जिद पर उतर आएंगे और अगर बात नहीं मानी जाएगी तो पुलिस पर पत्थर चलाएंगे, बैरिकेडिंग तोड़ देंगे, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएंगे और फिर किसानों के नाम पर डिस्काउंट लेंगे, करोड़ों रुपये की लग्जरी गाड़ियों में चलेंगें लेकिन टोल टैक्स नहीं देंगें क्योंकि वे किसान हैं।