बेंगलुरु।
इसरो ने बनाया सीई20 क्रायोजेनिक इंजन जोकि अब गगनयान मिशन के लिए तैयार है। कई परीक्षणों के बाद सीई 20 क्रायोजेनिक इंजन को सेफ्टी का सर्टिफिकेट मिल गया है। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बताया कि क्वालिफिकेशन टेस्ट इसलिए जरूरी होता है ताकि इंजन ठीक से काम करेगा या नहीं? इंजन सुरक्षा के रूप में कैसा है और यह पूरी तरह तैयार है या नहीं। साथ ही यह प्रामाणित करना जरूरी होता है कि कड़े सुरक्षा और विश्वसनीयता के मानक को यह पूरा करता है या नहीं।
इसरो के अनुसार, मानव रेटिंग मानकों के तहत सीई20 इंजन को योग्य बनाने के लिए चार इंजनों को अलग-अलग हालात में 39 हॉट फायरिंग टेस्ट्स से गुजरना पड़ा। यह प्रक्रिया 8 हजार 810 सेकंड तक चली। खास बात है कि योग्यता हासिल करने के लिए इंजनों को 6 हजार 350 सेकंड तक इन टेस्ट्स से गुजरना जरूरी है।
गगनयान मिशन के तहत इसरो इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। इस मिशन के तहत तीन लोगों की टीम को अंतरिक्ष में पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा और फिर उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस उतारा जाएगा। इसरो का गगनयान मिशन अगर सफल रहा तो ऐसा करने वाला भारत, अमेरिका, चीन और सोवियत संघ के बाद चौथा देश बन जाएगा।