ब्रजभूमि पर आने वाले श्रद्धालुओं को अब मिलेगा गाँव का पारंपरिक परिवेश, चूल्हे की रोटी, ताजा माखन, छाछ, सामने निकलते हुए गाय का दूध

मथुरा।

ब्रजभूमि पर आने वाले श्रद्धालुओं की अब मिलेगा गाँव का पारंपरिक परिवेश, चूल्हे की रोटी, माखन, छाछ, सामने निकलते हुए गाय का दूध और ग्रामीण परिवेश में ठहरने का अवसर।

वर्तमान में ब्रज दर्शन को आने वाले अधिकांश श्रद्वालु मथुरा, वृंदावन , गोवर्धन् और बरसाना के मंदिरों तक सीमित रहते हैं। एक रात और दो दिन के इस धार्मिक टूर में वे ब्रज की मूल संस्कृति से दूर ही रहते हैं। इस दौरान उन्हें भीड-भाड और शहरी जीवन देखने को मिलता है।

लेकिन अब उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने ब्रज दर्शन को आने वाले श्रद्वालुओ को ब्रज क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश से रूबरू कराने के लिए होम स्टे ऑफ मथुरा योजना तैयार की है। इसकी शुरूआत बरसाना के निकटवर्ती गांवों से होने जा रही है। इसके लिए प्रथम फेस में नंदगांव सहित राधारानी की अष्ट सखियों के गांवों में से चयन किया जाएगा।

यहां उन्हें गांवों में रात को ठहरने और चूल्हे पर बनी पानी के हाथ की रोटी देशी माखन के साथ खाने का मौका मिलेगा साथ में गाय का दूध और छाछ भी पीने को मिलेगी। इससे श्रद्धालुओं को अपनी संस्कृति, अपने गांवों की झलक देखने को मिलेगी जो शहर की भीडभाड और प्रदूषित वातावरण में रहने वाले लोगों के लिए एक रोमांचक और सुकून देने वाला अनुभव होगा।

इसके अंतर्गत गांव में चयनित लोगों के घरों में ही लोगों को ठहरने की व्यवस्था प्रदान की जाएगी। इन घरों में ग्रामीण परिवेश का खानपान रहेगा। यहां ठहरने वाले लोग गाय का दूध निकालते हुए भी देख सकेंगे। इसके लिए चयनित ग्रामीणों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। गांव के विकास की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के साथ मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण निभाएगा। इसमें गांव की स्वच्छता के साथ सड़क , प्रकाश, जल निकासी के प्रबंध आदि शामिल हैं।

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