मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म खिलाफ बोलने पर लगाई फटकार

चेन्नई।

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म खिलाफ बोलने पर फटकार लगाई है। न्यायाधीश अनीता सुमंत ने कहा कि सनातन धर्म की तुलना एचआईवी, एड्स, कुष्ठ रोग, मलेरिया और कोरोना से करते हुए मंत्री ने हिंदू धर्म के प्रति अपनी समझ की कमी को ही दर्शाया है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान विकृत, विभाजनकारी और संवैधानिक सिद्धांतों के विपरीत हैं। मद्रास उच्च न्यायालय ने ये टिप्पणियां हिंदू मुन्नानी संगठन के पदाधिकारियों की याचिकाओं का निपटारा करते हुए की लेकिन कोई आदेश नहीं दिया, क्योंकि यह मामला उच्च्तम न्यायालय में लंबित है।

मद्रास उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि उदयनिधि स्टालिन, ए राजा आदि की हिंदू धर्म के खिलाफ टिप्पणियां एक विशिष्ट समुदाय के सदस्यों के खिलाफ नफरत के समान हैं। संवैधानिक पद पर बैठे लोग किसी विशेष आस्था में विश्वास रखने वाले अपने ही लोगों को नष्ट करने की कसम नहीं खा सकते। मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि संविधान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी है लेकिन इसमें उचित प्रतिबंध लगाए गए हैं।

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