नई दिल्ली।
ई-वाहनों के निर्माण केंद्र के रूप में बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नई नीति बनाई है। सरकार ने नीति में देश में वाहन निर्माण और उसके कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों के हित को भी ध्यान में रखा है।
सरकार का इस फैसले से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में तेजी आएगी। इस नीति के तहत देश में अब कंपनियां न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रिक व्हीकल के निर्माण के प्लांट लगा सकती है। फिलहाल अधिकतम निवेश की कोई भी सीमा नहीं तय की गई है। इस नीति के अनुसार, कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों में न्यूनतम 25 फीसदी देश में निर्मित कल-पुर्जों का इस्तेमाल करना ही होगा।
मंत्रालय के अनुसार “यह नीति भारतीय उपभोक्ताओं को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी तक पहुंच प्रदान करेगी, ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देगी, ईवी निर्माताओं के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर ईवी इकोसिस्टम को मजबूत करेगी। जिसकी वजह से उच्च उत्पादन मात्रा, पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं, उत्पादन लागत में कमी, कच्चे तेल के आयात में कमी, व्यापार घाटे में कमी, खासकर शहरों में वायु प्रदूषण में कमी होगी और स्वास्थ्य और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।