नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) कि राज्य स्तरीय असेसमेंट टीम ने अर्बन पीएचसी लाल दरवाजा में उपलब्ध स्वास्थ्य  सुविधाओं का लिया जायजा

– इस दौरान राज्य स्तरीय टीम ने अर्बन पीएचसी में मरीजों को दी जाने वाली 12 तरह कि सुविधाओं के बारे में ली जानकारी 

– एनक्यूएएस असेसमेंट के अंतर्गत चार प्रकार से प्राप्त की जाती है अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं कि जानकारी 

मुंगेर-

नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) कि राज्य स्तरीय असेसमेंट टीम ने शुक्रवार को अर्बन पीएचसी लाल दरवाजा में उपलब्ध 12 प्रकार कि स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इस आशय कि जानकारी सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि (एनक्यूएएस) कि राज्य स्तरीय असेसमेंट टीम में पिरामल स्वास्थ्य से डॉक्टर विकास कुमार पांडेय और डॉक्टर उत्तम कुमार ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाल दरवाजा में उपलब्ध 12 तरह कि सुविधाओं कि जानकारी लेते हुए मूल्यांकन किया। शहरी स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध प्रमुख सुविधाओं में जनरल स्वास्थ्य, मातृत्व स्वास्थ्य, नवजात और सामान्य शिशु के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए उपलब्ध नियमित टीकाकरण स्थल, परिवार नियोजन कि सुविधा, संचारी और गैर संचारी रोग कि स्क्रीनिंग एवं उपचार कि सुविधा, आपातकाल और ड्रेसिंग कि व्यवस्था, फार्मेसी और पैथोलॉजी कि सुविधा के साथ- साथ अस्पताल कैंपस में मरीजों के बैठने और अस्पताल प्रशासन कि सुविधा का जायजा लेते हुए मूल्यांकन किया। राज्य एसेसमेंट टीम के द्वारा किए गए मूल्यांकन के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अंक और रैंकिंग प्रदान करते हुए प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इसके बाद यह स्वास्थ्य संस्थान नेशनल एनक्यूएएस के क्वालीफाई कर जाएगा फिर नेशनल टीम के द्वारा पुनः नेशनल स्टैंडर्ड के अनुरूप इस स्वास्थ्य संस्थान का मूल्यांकन कर मानक के अनुरूप पाए जाने पर नेशनल लेवल पर प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर डिस्ट्रिक्ट  कंसल्टेंट ऑफ क्वालिटी असेसमेंट (डीसीक्यूए) डॉक्टर सामंत मनीष देव, डिस्ट्रिक्ट अर्बन हेल्थ कंसल्टेंट संदीप कुमार यादव, पिरामल स्वास्थ्य कि सीनियर प्रोग्राम मैनेजर डॉक्टर नीलू विश्वकर्मा, पीएसआई के डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर कौशल कुमार सिंह, सीफार के जय प्रकाश कुमार के अलावा अर्बन पीएचसी लाल दरवाजा के सभी हेल्थ ऑफिसर और स्टाफ उपस्थित थे। 

डिस्ट्रिक्ट अर्बन हेल्थ कंसल्टेंट संदीप कुमार यादव ने बताया कि मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा तीन स्तर पर प्रमाणीकरण के लिए लक्ष्य का निर्धारण किया गया है। इसमें पहला चरण में कायाकल्प, दूसरे चरण में लक्ष्य और तीसरे चरण में  राष्टीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणीकरण योजना कि शुरुआत की गई है। इसके अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बताया कि एनक्यूएएस के तहत चार विधियों के द्वारा अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं कि जानकारी प्राप्त की जाती है। इसमें पहला है अस्पताल का निरीक्षण, अस्पताल में उपलब्ध रिकार्ड कि समीक्षा, उपलब्ध मरीजों से प्राप्त जानकारी और अस्पताल में कार्यरत कर्मियों से जानकारी प्राप्त करना। उन्होंने बताया कि मापन योग्य सभी घटकों, जांच बिंदुओं, और अनुपालन का मूल्यांकन करने के बाद विभाग स्वास्थ्य केंद्र के अंकों कि गणना कर अंक प्रदान किया जाता है। इसके अलावा पर अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। 

पीएसआई इंडिया के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर कौशल कुमार सिंह ने बताया कि किसी भी अस्पताल का गुणवत्ता आश्वासन एक निरंतर और व्यापक प्रकिया है। इसका मुख्य उद्देश्य किसी भी स्वास्थ्य संस्थानों के विभिन्न विभागों में गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध कराना है। इस उद्देश्य कि पूर्ति के लिए शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर गुणवत्तापूर्ण समिति का गठन,  अस्पताल के इंटरनल बेसलाइन असेसमेंट, मरीज संतुष्टि का सर्वे आदि कि जांच की जाती है। इसी के आधार पर राज्य स्तरीय टीम के द्वारा अस्पताल को अंक प्रदान करते हुए एनक्यूएएस प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।

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