नई दिल्ली।
इसरो ने कहा कि सीई-20 क्रायोजेनिक इंजन मानव मिशन के लिए अंतिम परीक्षणों में सफल रहा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो अपने गगनयान मिशन पर काम रही है। चंद्रयान और आदित्य एल-1 की सफलता के बाद ये मिशन इसरो को और ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा। गगनयान भारत का पहला मानव मिशन है।
इसरो के मुताबिक, पहली मानव रहित उड़ान ‘एलवीएम3 जी1’ के लिए पहचाना गया सीई-20 इंजन सभी जरूरी परीक्षणों से गुजर चुका है। अब मिशन के अगले चरण के लिए इसरो तैयार है। पहले लॉन्च पैड के आसपास के चार किलोमीटर के दायरे में कोई नहीं होता था। यहां तक की लॉन्च पैड को सुरक्षा देने वाले सीआईएसएफ कर्मी भी उड़ान भरने से दो घंटे पहले पोस्ट छोड़ देते थे।
लेकिन 2025 में पहली बार भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्पेससूट पहनकर एक विशेष मंच के माध्यम से लॉन्च पैड तक पहुंचेंगे। इसरो 19 साल पुराने लॉन्च पैड को भी अपग्रेड कर रहा है। निदेशक ए. राजराजन ने कहा कि एक अलग लॉन्च पैड को तैयार करने में समय लगता है। इसलिए दूसरे लॉन्च पैड में सुधार का काम किया जा रहा है। हर बार जब हम कुछ प्रयोग करते हैं तो कुछ नए संशोधन भी करते हैं।