मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल ही शराब घोटाले के मास्टरमाइंड – सीबीआई

सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल ही शराब घोटाले के मास्टरमाइंड हैं। मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई और ईडी ने अपनी दलीलें रखीं और फिर कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी। सुनवाई के दौरान ईडी और सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी और जमानत का विरोध किया। इस दौरान जहां ईडी ने ओबरॉय होटल में हुई मीटिंग का जिक्र किया, वहीं सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया ही शराब घोटाला का मास्टरमाइंड है।

जांच एजेंसी ने कहा कि अपराध की गंभीरता बेहद गंभीर है। एक सार्वजनिक व्यक्ति ने एक नीति बनाई जो कुछ थोक विक्रेताओं के पक्ष में थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपराध की आय के रूप में 338 करोड़ का आंकड़ा निकाला, यह अतिरिक्त 7% थोक विक्रेताओं के लाभ में वृद्धि थी। ईडी ने कहा कि 3 दिनों के भीतर बिना किसी बैठक या चर्चा के 12% का प्रॉफिट मार्जिन पेश किया गया।

ईडी ने कहा कि पॉलिसी वापस लेने की एकमात्र वजह जांच थी। शराब पॉलिसी मतलब अवैध लाभ प्राप्त करने का एक सदाबहार माध्यम था। ईडी ने कहा कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट से क्यों भटकाया गया? समिति ने कहा कि थोक करोबार का हिस्सा सरकार को दिया जाए, इस बात पर कोई चर्चा नहीं है कि थोक कारोबार निजी कंपनियों को क्यों दिया गया? ईडी ने कहा कि साउथ ग्रुप के साथ ओबेरॉय होटल में मीटिंग हुई थी।

ईडी ने कहा कि मनीष सिसोदिया सबूतों को नष्ट करने में शामिल थे। मनीष सिसोदिया का कहना था कि उनका फोन क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन वह यह नहीं बता सके कि उनका पिछला फोन कहां है। जिस दिन एलजी ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई, उसी दिन उन्होंने अपना फोन बदल लिया। आबकारी विभाग में काम करने वाले एक अधिकारी ने बयान में कहा कि सिसोदिया ने पुराने ड्राफ्ट कैबिनेट नोट को नष्ट कर दिया ताकि इसे कोई न देख सके।

एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 26 अप्रैल तक बढ़ा दी है। राउज एवेन्यू कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को 11 बजे करेगा। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आरोपियों को उन दस्तावेज की लिस्ट देने का निर्देश दिया जिनकी जांच अभी पूरी नहीं हुई है।

ईडी ने दावा किया है कि दिल्ली शराब नीति को तैयार करने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार हुआ है। इसके मुख्य साजिशकर्ता दिल्ली के सीएम अरविंद केजीरावल और मनीष सिसौदिया हैं। पूरे मामले में केजरीवाल के साथ कई AAP नेता और मंत्री भी शामिल रहे हैं।

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