– सभी स्वास्थ्य कर्मी मलेरिया मुक्त समाज निर्माण का लेंगे शपथ
– वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी से जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों को दिए निर्देश
– मलेरिया के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी देकर लोगों किया जाएगा जागरूक
लखीसराय-
हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी गुरुवार को जिले भर में एक्सीलिरेटिंग द फाइट अंगेस्ट मलेरिया फोर ए मोर इक्वीटेबल वर्ल्ड थीम पर विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में स्वास्थ्य पदाधिकारी एवं कर्मी मलेरिया मुक्त समाज निर्माण का संकल्प लेंगे। इसको लेकर वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ राकेश कुमार ने पत्र जारी कर जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए हैं। डाॅ राकेश ने बताया, उक्त कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को मलेरिया से बचाव सहित इसके कारण, लक्षण एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। साथ ही सामुदायिक स्तर पर लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूक भी किया जाएगा। वहीं, कार्यक्रम का सफल संचालन को लेकर स्वास्थ्य विभाग जरूरी और आवश्यक तैयारी में दिन-रात एककर जुट गया है। इस दौरान जिलेभर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा अन्य माध्यमों से भी लोगों को जागरूक किया जाएगा।
– लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में कराएं जाँच :
सिविल सर्जन डाॅ बीपी सिन्हा ने बताया, लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में जाँच कराना चाहिए। जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में जाँच से लेकर समुचित इलाज तक की मुफ्त सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, किसी को भी लक्षण महसूस होने पर तुरंत सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जाँच कराना चाहिए। वहीं, उन्होंने बताया, आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर संदिग्ध व्यक्ति की आरडीटी किट से जाँच की जा रही है। प्रति जाँच के लिए आशा कार्यकर्ता को 15 रूपये दी जाती है। वहीं, उन्होंने बताया, जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी पत्र भेजकर बच्चों को मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक करने को कहा गया है।
– किसी आयु वर्ग के लोग मलेरिया से हो सकते हैं पीड़ित :
मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है, जो किसी भी आयु वर्ग के के लोगों को हो सकता है। इसमें कंपकंपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। फेलसीपेरम मलेरिया (दिमारी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।
– मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का करें प्रयोग : मलेरिया से बचाव के लिए पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े का अधिक उपयोग करें। सोने के दौरान निश्चित रूप से मच्छरदानी का लगाएं। इस बात का दिन में सोने के दौरान ख्याल रखें। इसके अलावा घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें एवं किसी भी कीमत पर जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें।