क्षत्रिय परिवार ने 33 विभूतियां सहित 66 मेधावी छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित
क्षत्रिय लोक सेवक परिवार ने हल्दीघाटी विजयोत्सव मनाया
लखनऊ।
उ.प्र. क्षत्रिय लोक सेवक परिवार महासमिति द्वारा अपने स्थापन दिवस पर ‘हल्दीघाटी विजयोत्सव सामाजिक सरोकर एवं सम्मान समारोह’ का आयोजन बड़ी धूम धाम से मनाया गया।
समारोह का प्रारम्भ मुख्य अतिथि कुँवर मानवेन्द्र सिंह, सभापति विधान परिषद, दया शंकर सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) परिवहन, कुॅवर दिनेश प्रताप सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात, डा. महेन्द्र सिंह, सदस्य विधान परिषद एवं पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश, डा. विद्या विन्दु सिंह पद्यमश्री तथा श्रीमती जुही सिंह, पूर्व अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा द्वीप प्रज्जवजन तथा भगवान श्रीराम और हिन्दुआ सूरज महाराणा प्रताप की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करके किया गया।
कार्यक्रम के मुख्यअतिथि कुवंर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि यह संस्था सामाजिक सरोकार के जो कार्य कर रही है वह बहुत ही सराहनीय है। बाबा हरदेव ने सेवाकाल में और अब सेवानिवृत्त होने बाद भी समाज हित में सक्रिय है। क्षत्रिय वही है जो न्यायोचित समाज का निर्माण करे। किसी का अहित न होने दे और अन्याय का प्रतिकार करने के लिए अपने शौर्य का परिचय दे।
उन्होंने कहा कि हल्दीघाटक के युद्ध में महाराणा प्रताप ने क्षत्रिय पराक्रम का परचम लहराया। हल्दीघाटी के युद्ध क्षेत्र में उनके सैनिको ने भी अप्रतिम बहादुरी दिखाई। उनका घोड़ा भी युद्ध में बुरी तरह घायल हुआ लेकिन महाराणा प्रताप का चेतक सैनिकों से घिरे महाराणा प्रताप को सुरक्षित निकाल ले गया। एक बड़े नाले को चेतक ने छलांग लगाकर पार किया। राणा प्रताप को सुरक्षित स्थान में पहुंचाने के बाद चेतक ने प्राण त्याग दिया।हल्दीघाटी की घटना अंधकार में भी अपने शौर्य से जीवन जीने की प्रेरणा देता है। हल्दीघाटी का युद्ध हमारे समाज और देश के गौरव का धवल इतिहास है।
उन्होंने कहा कि संस्था, समाज और क्षत्रिय परिवार के हित के लिए जो भी संभव होगा वह करेंगे।
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि बाबा हरदेव सिंह क्षत्रिय लोक सेवक परिवार को बढ़ाने में लगे हैं। उन्होंने सेवा काल में आमजन को अपनी कार्यप्रणाली से राहत दिया। अब सेवानिवृत्त होने के बाद समाज और देश को मजबूत करने की मुहिम में जुटे हैं।
कार्यक्रम में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि संगठन का महत्व क्या होता है मैं अच्छी तरह जानता हूं। एक घटना हुई। मैंने छात्र जीवन से जिस पार्टी में कार्य किया। मुझे छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया। तब ऐसे ही संगठनों ने मुझे ताकत दी। मैं विधायक बना मंत्री बना।
क्षत्रिय समाज ने हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। क्षत्रिय समाज मजबूत होगा। समाज और देश भी मजबूत होगा। क्षत्रिय समाज के लोगों को संकल्प लेना होगा कि यदि आपस में कोई बैर हो तो बड़ा दिल रखकर एकजुटता बनाए रखें। क्षत्रिय धर्म का निर्वहन बड़ी चुनौती है। क्षत्रिय हित में जो भी संभव होगा वह पूरे मन से,पूरी ताकत से समाज के लिए कार्य करेंगे।
इस अवसर पर एसकेडी सिंह ने सभी आगंतुको का आभार व्यक्त किया। महासमिति के उपाध्यक्ष एसपी सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।
महासमिति के अध्यक्ष, बाबा हरदेव सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि क्षत्रिय समाज को विषम परिस्थितियों से उबारने के लिए बहुत बड़े प्रयास की जरुरत है। ऐसी दशा में इस संगठन की जिम्मेदारी है कि वह युवाओं में आगे बढ़ने की इच्छा जाग्रत करे और उन्हें हर स्तर पर मजबूत बनाने का प्रयास करे।
महासमिति की महासचिव, इन्द्रासन सिंह ‘इन्दु’ ने महासमिति की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि महासमिति स्थापना के 17 वर्ष पूर्ण करके 18वें वर्ष में प्रवेश कर रही है सभी का समर्पित प्रयास और समर्थन मिलता रहा तो यह महासमिति अपनी 25वीं वर्षगांठ तक विशाल वटवृक्ष का रूप ले लेगी और इसके छांव के नीचे अपनी समस्याओं का समाधान कर समाज को नई दिशा देने में सक्षम होंगे।
महासमिति अनवरत समाज के हर वर्ग के जरूरतमन्द लोगों और बेरोजगार युवक युवतियों को उचित मार्ग दर्शन देकर उन्हें आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने का संकल्प लिया गया। समारोह में 500 से अधिक सेवारत एवं सेवा निवृत्त लोक सेवक एवं उनके परिवारीजन उपस्थित रहे। 500 से अधिक अतिथियों से भरे हुए हाल में महासमिति अपना सम्मान समारोह बड़े धूमधाम से मनाया।
गोमतीनगर स्थित, एस.के.डी. एकेडमी में आयेाजित समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान करके प्रादेशिक, राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्र का सम्मान बढ़ाने वाले क्षत्रिय परिवार के 33 विभूतियों को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त देश के भविष्य हाई स्कूल तथा इण्टर मीडिएट में 80 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले 66 मेधावी छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।
सम्मानित किये जाने के क्रम में सर्वश्री/श्रीमती श्रीमती स्वर्णलता सिंह, न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह, श्री यज्ञवीर सिंह चैहान, श्री बलिकरन सिंह, श्री जय प्रकाश सिंह, प्रो. सदानन्द शाही, श्री सभाराज सिंह, श्रीमती मनोरमा सिंह ‘अंशु’ डा. विभा सिंह, आशा सिंह, डा. मीना सिंह राघव, श्रीमती नीलम सिंह, श्रीमी रमा सिंह, श्रीमती सुधा सिंह, डा. सूर्यपाल सिंह, श्री प्रवीण कुमार सिंह, श्री राणा प्रताप सिंह, श्री रवीन्द्र कुमार सिंह, श्री प्रकाश चन्द्र सिंह प्रो. बलराज चैहान श्रीमती प्रियांका सिंह, दिव्या सिंह, श्रीमती प्रशान्ति सिंह, श्रीमती प्रतिमा सिंह, श्री विक्रान्त सोलंकी, प्रो.जगवीर सिंह, इं.स्वतंत्र कुमार सिंह, श्री मनीष सिंह, नीलम सिंह भकूनी, डा अंशु सिंह, डा. विक्रम सिंह, श्री गौरी शंकर सिंह तथा श्रीमती उर्मिला सिंह को महासमिति के 32 पदाधिकारियों ने अपने प्रियजन के नाम से 33 सम्मान सृजित कराये जिसे सम्मानित की गयी विभूतियों को दिया गया।