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भारतीय सनातन संस्कृति में गाय का विशेष पौराणिक महत्व
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भारतीय सनातन संस्कृति में गाय का विशेष पौराणिक महत्व है। इसी के चलते गाय को पूजनीय ईश्वरीय दर्जा दिया जाता है। गाय का कई मायनों में विशेष महत्व है। ऐसे में ज्योतिष से लेकर धर्म में भी गाय की विशेषताओं का वर्णन मिलता है। लाइफ कोच डॉ नयन प्रकाश गाँधी के अनुसार गाय से जुड़़े ऐसे कई उपाय हैं जिनकी मदद से हम जीवन को खुशहाल बना सकते हैं, इन उपायों के संबंध में मान्यता है कि इनके प्रभाव से जीवन में खुशहाली आने के साथ ही तरक्की भी आती है। माना जाता है कि घर में बनने वाली पहली रोटी हमेशा गाय को खिलाएं और सभी शुभ कार्यों में गाय का ग्रास अवश्य निकालें। साथ ही अपने बच्चे के हाथ से गौ माता को भोजन जरूर खिलाएं। इससे नव गृह शांत होंगे।सप्ताह में कम से कम एक बार परिवार के साथ गौशाला में अवश्य जाएं और सामर्थ्य अनुसार दान करें। इसके अलावा गर्मियों में पानी और सर्दियों के दौरान गौ माता को गुड़ का भोग अवश्य लगाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से बार बार आने वाली परेशानियां दूर होती हैं।गौ माता के पंचगव्य का सेवन करें व परिवार को भी कराएं। मान्यता के अनुसार इससे हर प्रकार की बीमारी दूर होती है, वहीं गर्मियों में पानी और सर्दियों के दौरान गौ माता को गुड़ का भोग अवश्य लगाएं।माना जाता है कि गौ माता जहां भी खड़ी हो जाती हैं, वह स्थान दोष मुक्त हो जाता है। ऐसे में अपने घर पर एक बार गौ माता का भ्रमण जरूर करवाएं।गौ माता को चारा अवश्य खिलाएं। अगर रोजाना संभव नहीं तो कम से कम हफ्ते में एक दिन यह उपाय जरूर करें। इसके साथ ही गौ माता की पूजा के साथ साथ उनकी प्ररिक्रमा अवश्य करें। इससे व्यक्ति को सभी तीर्थों का पुण्य प्राप्त होगा। गाय के गले में बजती घंटी उनकी आरती करने की-सूचक मानी जाती है।किसी भी प्रकार की बुरी नजर या नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए रोजाना या हफ्ते में एक बार गौ माता की पूंछ को अपने सिर के ऊपर से जरूर घुमाएं। वैदिक मान्यताओं के अनुसार, धर्म के साथ किया गया गौ पूजन नकारात्मकता का विनाश कर व्यक्ति को सफलता प्रदान करता है।कहा जाता है की अगर आपका कोई काम रुका हुआ है और लाख कोशिशों के बाद भी पूर्ण नहीं हो पा रहा है तो उस काम को गौ माता के कण में अवश्य कहें। इससे आपका काम गौ माता के आशीर्वाद से हो जाता है।माना जाता है कि गाय की पीठ पर उभरे कूबड़ को छूने से और उस पर हाथ फेरने से न सिर्फ व्यक्ति रोग मुक्त हो जाता है, बल्कि उस पर कभी भी कर्ज का बोझ नहीं पड़ता।