— राज्य के छह जिलों के पंचायत टीबी मुक्त पंचायत का मानक किया हासिल
— 29 पंचायतों में 1000 की जनसंख्या पर 30 लोगों की जांच पर एक या एक से कम मिले टीबी के मरीज
—सभी लोगों की जांच ट्रूनेट और सीबी नेट मशीन से की गयी
पटना,
पूरे देश से वर्ष 2025 तक टीबी बीमारी का उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बिहार से भी टीबी बीमारी का उन्मूलन शीघ्र हो। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी मुहिम के तहत राज्य के छह जिलों के 29 पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत घोषित किया गया है। राज्य के इन जिलों के पंचायतों में एक साल में एक हजार की जनसंख्या पर 30 लोगों की टीबी बीमारी की जांच की गयी। जहां एक या एक से कम टीबी के मरीज मिले हैं। उक्त सभी मरीजों की जांच ट्रूनेट या सीबी नेट मशीन से जांच की गयी है।
छह जिलों के 29 पंचायतों में वर्ष 2022 में चिन्हित टीबी मरीजों में 85 प्रतिशत से ज्यादा की संख्या और इलाज की सफलता दर हासिल की गयी है। साथ ही वर्ष 2023 के चिन्हित रोगियों को निक्षय पोषण योजना एवं निक्षय मित्र द्वारा पोषण हेतु फूड बास्केट भी प्रदान किया गया है।
राज्य के छह जिलों के 29 पंचायत जो टीबी मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। उसमें से तीन जिलों में डीएम की अध्यक्षता में टीबी मुक्त पंचायत के चिन्हित पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानित किया जा चुका है। जिसमें बक्सर, सिवान और सीतामढ़ी जिला शामिल है। इसमें 21 पंचायत प्रतिनिधि हो चुके हैं। शेष तीन अन्य जिलों के आठ पंचायतों को शीघ्र सम्मानित करने को निर्देशित किया है।
अभियान के तहत राज्य के छह जिले मुंगेर, बक्सर, सिवान,मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और खगड़िया जिले के पंचायत टीबी मुक्त पंचायत घोषित किया गया है। इन जिलों के पंचायतों की उपलब्धि को देखकर राज्य के अन्य जिलों के पंचायतों में भी टीबी मुक्त पंचायत बनाने की प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। आगामी एक वर्ष में राज्य के 114 प्रखंडों के पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत बनाने की दिशा में सफल प्रयास लगातार जारी है। राज्य से टीबी बीमारी का शीघ्र उन्मूलन हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग 232 ट्रूनेट मशीनों की खरीदारी कर पूरे राज्य के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध करायी है।