आज देश मना रहा है रक्षा बंधन का त्यौहार, भारत में जितने के त्योहार हैं, उतने विश्व में कहीं और नहीं, भाई-बहन के प्यार का प्रतीक ‘रक्षा बंधन’

भारत में जितने प्रकार के त्योहार हैं, उतने विश्व में कहीं और नहीं हैं।’रक्षाबंधन’ जैसा त्योहार भारत के अलावा विश्व की किसी भी संस्कृति में नहीं मिलता। ‘रक्षा बंधन’ भाई-बहन के प्यार का प्रतीक यह त्यौहार अनोखा है और सदियों से मनाया जा रहा है।
भारतीय संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है। हमारे यहां प्रकृति, ईश्वर और मानवीय संबंधों का जश्न मनाने वाले कई दिलचस्प त्योहार हैं।

भारतीय त्योहारों जैसे दिवाली, होली, मकर संक्रांति जैसे त्योहार कई अन्य संस्कृतियों में मनाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, नेपाल में मनाया जाने वाला ‘बाला चतुर्दशी’, थाईलैंड का ‘लोय क्रथोंग महोत्सव’, फ्रांस का ‘रोशनी का त्योहार’, चीन का ‘लालटेन महोत्सव’ और जापान का ‘ओबोन महोत्सव’ हमारे त्योहार ‘दिवाली’ के समान हैं। भारत के ‘होली’ जैसे त्यौहार भी दुनिया भर में कई जगहों पर मनाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, थाईलैंड का ‘सोंगक्रान’, ग्रीस का ‘फ्लोर वॉर’ और स्पेन का ‘हीरो वाइन फेस्टिवल’।

भारत में मनाये जाने वाले ‘मकरसंक्रांति’ के त्यौहार में गुजरात में पतंग उड़ाने का विशेष महत्व है। ‘मकरसंक्रांति’ जैसे कई पतंग उत्सव भी विश्व स्तर पर मनाए जाते हैं। जैसे, चीन का ‘वेफ़ांग पतंग महोत्सव’, इंडोनेशिया का ‘बाली पतंग महोत्सव’, ऑस्ट्रेलिया का ‘सिडनी पतंग महोत्सव’ और अमेरिका का ‘वाशिंगटन डीसी पतंग महोत्सव’।

लेकिन रक्षाबंधन जैसा त्यौहार दुनिया में कहीं और नहीं मनाया जाता है। शायद यही कारण है कि भाई-बहन के पवित्र प्रेम को दुनिया में कहीं और नहीं मनाया जाता, क्योंकि भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के रिश्ते को जो आदर, सम्मान और ऊंचा दर्जा दिया गया है वह कहीं और नहीं है। नारी के प्रति सम्मान और नारी की सुरक्षा की ऐसी भावना भारत के अलावा अन्यत्र कहीं नहीं मिलती।

एक बहन द्वारा अपने भाई के हाथ पर राखी बाँधकर उसकी लंबी उम्र की कामना करने और एक भाई द्वारा अपनी बहन की रक्षा का वचन लेने की नेक भावना दुनिया की किसी भी अन्य संस्कृति में नहीं मिलती है, यही रक्षाबंधन की खासियत है। जहां हिंदू रहते हैं वहां रक्षा बंधन धूमधाम से मनाया जाता है। नेपाल जैसे पड़ोसी देश में भी यह त्यौहार भारत की तरह ही मनाया जाता है।

बेशक दुनिया के अन्य देशों में ‘ब्रदर्स डे’, ‘सिस्टर्स डे’ और ‘सिबलिंग्स डे’ जैसे आधुनिक त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन इनका कोई ऐतिहासिक महत्व नहीं है। ऐसे त्योहारों में कोई ‘भाव’ नहीं है कि रक्षाबंधन शामिल हो। ‘फ्रेंडशिप डे’ के जश्न में भी दोस्त अपनी कलाई पर फ्रेंडशिप बेल्ट बांधकर एक-दूसरे के प्रति अपना स्नेह व्यक्त करते हैं, लेकिन फिर भी, इसमें ‘रक्षा बंधन’ की पवित्र भावना नहीं है। यही कारण है कि ‘रक्षा बंधन’ दुनिया भर के त्योहारों में एक विशेष स्थान बन जाता है।

 

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