भारत में कंपनियों में काम का दबाव अधिक होने के कारण कर्मचारियों की मानसिक स्थिति हो रही है खराब, 66% कर्मचारी काम के दबाव के कारण हैं तनावग्रस्त

भारत में कंपनियों में काम का दबाव अधिक होने के कारण कर्मचारियों की मानसिक स्थिति खराब हो रही है। जीनियस कंसल्टेंट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 79 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों का कहना ​​है कि उनकी कंपनियों को मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों और कल्याण के समाधान पर ध्यान देना चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 66 प्रतिशत कर्मचारी अपनी वर्तमान कार्य पद्धतियों से अत्यधिक बोझ महसूस करते हैं और मानते हैं कि उनका कार्य-जीवन संतुलन गंभीर रूप से बिगड़ता जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार करीब 47% कर्मचारी हर रविवार शाम को चिंता और बेचैनी का अनुभव करते हैं क्योंकि उन्हें सोमवार को काम पर लौटना होता है। जबकि 13% कर्मचारियों से इस बारे में मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है।

जीनियस कंसल्टेंट्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.पी. यादव ने कहा, ‘हमें यह समझना चाहिए कि कर्मचारी कल्याण सिर्फ एक गतिविधि नहीं है, बल्कि संगठनात्मक सफलता का एक महत्वपूर्ण पहलू है। आंकड़े बताते हैं कि बड़ी संख्या में कर्मचारी चिंता से पीड़ित हैं और अपने काम के माहौल में बेचैनी महसूस कर रहे हैं। कंपनियों को ऐसे माहौल को बदलने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है। यह रिपोर्ट 5 अगस्त से 2 सितंबर 2024 के बीच विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 1783 कर्मचारियों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है।

अनेक कंपनियां कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठा रही हैं। लेकिन भारत में बहुत सारी कंपनियाँ अपने मुनाफ़े को अधिकतम करने पर केंद्रित हैं। इस कारण कर्मचारियों की स्तिथि खराब हो रही है और वे एक दबाव में काम कर रहे हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव हो रहा है और उत्पादकता भी प्रभावित होती है।

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