उत्तर रेलवे के जींद-सोनीपत खंड पर चल सकती है देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, इस प्रोजेक्ट की सफलता पर भारत होगा दुनिया का पांचवा देश

नई दिल्ली।

देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन उत्तर रेलवे के जींद-सोनीपत खंड पर चल सकती है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में प्रोटोटाइप ट्रेन के एकीकरण की योजना बनाई गई है। इस विकास के साथ, भारत जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन के साथ पाँचवाँ देश बन जायेगा।

इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, “सिस्टम इंटीग्रेशन यूनिट बैटरी और दो ईंधन इकाई सिंक्रोनाइज़ेशन परीक्षण सफलतापूर्वक किए गए हैं। ट्रेन के लिए हाइड्रोजन जींद स्थित 1-मेगावाट पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट झिल्ली इलेक्ट्रोलाइज़र द्वारा प्रदान किया जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि सिस्टम इंटीग्रेशन यूनिट बैटरी और दो फ्यूल यूनिट सिंक्रोनाइजेशन टेस्टिंग सफलतापूर्वक किए गए हैं। इसके अलावा मौजूदा डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) रेक पर जरूरी जमीनी बुनियादी ढांचे के साथ हाइड्रोजन फ्यूल सेल को फिर से लगाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।

ग्रीनएच इलेक्ट्रोलिसिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह इलेक्ट्रोलाइज़र लगातार काम करेगा। जिससे लगभग 430 किलोग्राम/दिन हाइड्रोजन उत्पन्न होगा। ट्रेन में ईंधन भरने के लिए जींद में 3,000 किलोग्राम हाइड्रोजन स्टोरेज, हाइड्रोजन कंप्रेसर और प्री-कूलर इंटीग्रेशन के साथ दो हाइड्रोजन डिस्पेंसर भी होंगे।

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