जम्मू कश्मीर में हो सकता है खेला, कांग्रेस को लग सकता है झटका, अब्दुल्ला के बयान के बाद सोचने लगे हैं राजनैतिक विश्लेशक

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद चार निर्दलीय विधायकों ने उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) को समर्थन देने का ऐलान किया है। जम्मू-कश्मीर में एनसी के पास 42 सीटें हैं। घाटी में नेशनल कॉन्फ्रेंस को ज्यादा सीट मिली हैं। जबकि जम्मू के मैदानी इलाकों में निर्णायक तौर पर बीजेपी को वोट मिला है। जम्मू क्षेत्र में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली है।

उमर अब्दुल्ला इस स्थिति को अच्छी तरह समझते हैं कि जम्मू और कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है और केंद्र सरकार इसके दैनिक प्रशासन को नियंत्रित करती है। चुनाव नतीजों के बाद उनके उस बयान ने राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा है, जिसमें उन्होंने बार-बार कहा था कि केंद्र के साथ समन्वय की जरूरत है, क्योंकि केंद्र से लड़कर जम्मू-कश्मीर के कई मुद्दे हल नहीं हो सकते।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं हर संभव प्रयास करूंगा ताकि आने वाली सरकार एलजी और केंद्र सरकार के साथ अच्छे संबंध बनाए रख सके। कांग्रेस के साथ गठबंधन के बिना भी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अच्छा प्रदर्शन किया है। कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन सिर्फ सीटों के लिए नहीं था, हम एक को छोड़कर सभी सीटें जीत सकते थे।’

उमर अब्दुल्ला ने यह भी संकेत दिया है कि धारा 370 के मुद्दे पर फिलहाल कोई टकराव नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारा राजनीतिक रुख कभी नहीं बदला है। बीजेपी से धारा 370 बहाल करने की उम्मीद करना मूर्खता है।’ उमर अब्दुल्ला के इन बयानों से बीजेपी के साथ संभावित राजनीतिक गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं।

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