:नई दिल्ली : (विशेष संवाददाता ):
प्रज्ञा मेल हर पहल में आगे रहता है। इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए पहली बार प्रज्ञा मेल अपना प्रथम स्वर्गीय अर्जुन चंद्र बर्मन स्मृति पुरस्कार समाज सेवा हेतु,समाज-सेवी और शिक्षा विद डॉ भीमसेन सिंह को देने जा रहा है। यह पुरस्कार प्रज्ञा मेल के तीसरे बहुभाषी राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन एवं सम्मान समारोह 2024 में प्रदान किया जायेगा, जो 15 दिसंबर,2024 को नई दिल्ली के चाणक्यपूरी स्थित विश्व युवक केंद्र के सभागार में आयोजित किया जायेगा।
परिवार में सन्यासी समान पिता श्री की संतत्व प्रकृति होने के कारण बच्चों का लालन-पालन पूज्यनीय माँ की ममता की छाया में संघर्षपूर्ण वातावरण में हुआ। पटना विश्वविद्यालय के पटना कॉलेज से किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने आये, डॉ भीमसेन जी का विद्यार्थी जीवन अत्यंत संघर्षपूर्ण रहा औऱ जेेएनयू में शिक्षा ग्रहण करते हुए अनेक वैचारिक चुनौतियों का सामना करनापड़ा, मगर विपरीत परिस्थियों में भी अपने विचार औऱ सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनके आयु के ७५ वर्ष जीवन का अधिकांश समय शिक्षा के क्षेत्र में अध्ययन औऱ अध्यापन में व्यतीत हुआ है।
भारतीय जीवन दर्शन के अनुसार व्यक्ति का आंतरिक और बाह्य व्यक्तित्व का निर्माण जन्म के समय ग्रह तारा नक्षत्र सामाजिक वातावरण और व्यक्ति की अपनी मौलिक प्रवृति, प्रकृति,स्वभाव, व्यवहार के अनुसार निर्मित होता है। जो ज्ञान, विज्ञान, अनुभवों आदि से सयुंक्त रूप में व्यक्ति के कर्मयोग की दिशा निर्धारित करता है। ऐसे ही कर्मयोगी डॉ भीमसेन सिंह जी शिक्षा जगत का एक चिर- परिचित नाम है। कई अवरोधों को पार करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती महाविद्यालय के सायं के 10 वर्ष और किरोड़ीमल कॉलेज के 18 वर्ष प्राचार्य के रूप में सेवा की । भारतीयता बोध औऱ राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक हैं डॉ भीमसेन सिंह जी ।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व प्रज्ञा मेल की आयोजन समिति जीवन पर्यन्त साहित्य-साधना का पुरस्कार असम कि दिमासा लेखिका श्रीमती अनुपमा नाईडिंग को देने की घोषणा कर चुकी है। प्रज्ञा मेल बहुभाषी राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन आयोजन समिति शीघ्र ही नवोदित कवियों के दो पुरस्कार साहित्य रत्न और कवि रत्न की भी घोषणा करेगी ।