– हर महीने की 1, 9, 16, 24 तारीख को आयोजित होता है पीएमएसएमए दिवस
– स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरुक करते हुए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है उद्देश्य
आगरा, 13 दिसंबर 2024
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना है। योजना के अंतर्गत गर्भवती को उनकी गर्भावस्था के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है। अप्रैल से नौ दिसंबर तक जिले की 81488 गर्भवती ने पीएमएसएमए दिवस पर प्रसव पूर्व जांच कराई। दिवस का उद्देश्य गर्भवती को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
प्रत्येक महीने की एक, नौ, 16 और 24 तारीख को पीएमएसएमए दिवस का आयोजन होता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए पीएमएसएमए दिवस का आयोजन किया जाता है। इसमें गर्भवती की दूसरे व तीसरे त्रैमास में एमबीबीएस डॉक्टर से प्रसव पूर्व जांच कराई जाती है। इसका आयोजन स्वास्थ्य इकाईयों पर किया जाता है और गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच करके उच्च जोखिम वाली गर्भवतियों की पहचान की जाती है साथ ही संदर्भित भी किया जाता है।
एसीएमओ आरसीएच डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस में गर्भवती की प्रसव पूर्व हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफ़लिस, टीबी, हेपेटाइटिस बी, वजन, ब्लड प्रेशर एवं अन्य जांच की जाती हैं। एचआरपी युक्त गर्भवती की पहचान करके संदर्भित किया जाता है। गर्भवती को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है और उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। ई-रुपी वाउचर के जरिये गर्भवती को निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जांच की सुविधा मिल रही।
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता संगीता भारती बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक पीएमएसएमए दिवस पर जिले की 1.19 लाख गर्भवती ने प्रसव पूर्व जांच कराई। इसमें 13100 उच्च जोखिम वाली गर्भवती को चिह्नित किया गया। इन्हीं चिह्नित उच्च जोखिम वाली गर्भवती को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक में जनपद के एफआरयू पर जांच संदर्भित किया गया।
यूपीएचसी हरीपर्वत वेस्ट की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीनम चतुर्वेदी ने बताया कि ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती को प्रसव पूर्व चार जांच कराना अति आवश्यक है l आयरन और कैल्शियम की टेबलेट लेने के साथ-साथ गर्भवती को पौष्टिक आहार और मौसमी फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए l पीएमएसएमए दिवस पर उच्च जोखिम वाली गर्भवती को चिन्हित करके संदर्भित भी किया जाता है और कुछ गर्भवती को एनीमिया से बचाव के लिए आयरन सुक्रोज भी दिया जाता है|
आवास विकास सेक्टर-2 की निवासी 31 वर्षीय कृष्णा बताती है कि मेरा आठवां महीना चल रहा है और यह मेरा दूसरा बच्चा है। जब मैं घर के काम करती थी तो मुझे थकान हो जाती थी और मेरी सांस भी फूलने लगती थी। मेरे क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता ने मुझे सलाह दी कि मैं स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी जांच करा लूं । मैंने यूपीएचसी हरीपर्वत में स्टाफ नर्स संध्या यादव से अपनी जांच कराई। मेरा हीमोग्लोबिन 8 था।
उन्होंने बताया कि आप में खून की कमी है,फिर मुझे अच्छे से समझाया और पौष्टिक आहार का सेवन करने और समय-समय पर नियमित अपनी जांच करने की सलाह दी साथ ही उन्होंने परिवार नियोजन से संबंधित भी जानकारी दी। वर्तमान समय में मेरा हीमोग्लोबिन 10 हो चुका है। मैं चिकित्सक की सलाह के अनुसार सभी कार्य नियम से कर रही हूं और सबसे अच्छा यह है कि मेरे घर के नजदीक मुझे सारी स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो रही हैं। पौष्टिक आहार का सेवन करने और समय-समय पर नियमित अपनी जांच करने की सलाह दी। मैं चिकित्सक की सलाह के अनुसार सभी कार्य नियम से कर रही हूं।
बोदला निवासी 24 वर्षीय गर्भवती सुरभि बताती है कि मेरा पहले मिसकैरेज हो चुका है इसलिए मैंने आशा कार्यकर्ता की सलाह से स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सक डॉ. वीनम चतुर्वेदी से संपर्क करके अपने बारे में जानकारी दी। उन्होंने मुझे बताया कि मिसकैरेज के बाद दोबारा गर्भावस्था के दौरान आपको विशेष सावधानियां बरतनी होंगी। आपको अपने चिकित्सक से नियमित रूप से परामर्श करना चाहिए और उनकी सलाह का पालन करना चाहिए।
आपको अपने आहार पर ध्यान देना होगा। आपको पौष्टिक आहार लेना चाहिए जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन शामिल हों। आपको पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। नींद आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आपको नियमित जांच करानी चाहिए। नियमित जांच से आपके गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की निगरानी की जा सकती है।
इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से नौ दिसंबर 2024 तक प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के जिला स्तरीय आंकड़े-
81488 जांच के लिए आई गर्भवती
81488 गर्भवती की जांच की गई
9150 उच्च जोखिम वाली गर्भवती चिन्हित हुई व उन्हें संदर्भित किया गया
28881 क्यूआर कोड जनरेट किए
11634 वाउचर रिडीम हुए
13634 जिला महिला चिकित्सालय (लेडी लॉयल), (एसएन मेडिकल कॉलेज और 81 निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र) में अल्ट्रासाउंड हुए ।