अलवर।
सरिस्का टाइगर रिजर्व अलवर में 43,061 हेक्टेयर जमीन 24 दिसंबर 2024 को सरिस्का के नाम हो गई। यह मामला 17 वर्षों से लंबित पड़ा था। 17 वर्षों में 25 से ज्यादा कलेक्टर, 30 एसडीएम तैनात हो चुके, लेकिन किसी ने इस जमीन को सरिस्का के नाम करने का साहस नहीं दिखाया।
सरिस्का टाइगर रिजर्व के क्रिटिकल टाइगर हैबीटेट एरिया का नोटिफिकेशन 2007-08 में जारी हुआ था। 82 गांवों की 81 हजार हेक्टेयर जमीन इस एरिया में शामिल की जानी थी, लेकिन प्रशासन ने जमीन का नामांतरण सरिस्का के नाम नहीं किया।
अब भजनलाल सरकार में नए अफसरों ने कमान संभाली तो दो माह में ही जमीन के नक्शों का डिजिटलाइजेशन हो गया और 24 दिसंबर को 43,061 हेक्टेयर जमीन सरिस्का के नाम हो गई। अब इस जमीन पर कॉमर्शियल गतिविधियों (होटल, रिसोर्ट, रेस्टोरेंट आदि) पर कार्रवाई करने का दायित्व वन विभाग पर आ गया है। इसके साथ होटल संचालकों में भी हड़कंप मचा हुआ है।
इसके अंतर्गत रूंध शाहपुर, कालीखोल, राजगढ़ के बीघोता, टहला के नाडू, उमरी देवरी, बरवा डूंगरी, दबकन, टहला, भानगढ़, दौलपुरा, थानागाजी, प्रतापगढ़ का सिली बावड़ी, पचपड़ी, हमीरपुर, बालेटा, कुशालगढ़ की जमीन शामिल है।