– टीम ने स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण के मानकों पर परखा
आगरा, 26 दिसंबर 2024
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलाए जा रहे कायाकल्प कार्यक्रम के तहत गुरुवार को कायाकल्प टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) खेरागढ़ एक्सटर्नल एसेसमेंट (बाहरी मूल्यांकन) किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में सीएचसी खेरागढ़ सहित चार सीएचसी का कायाकल्प टीम द्वारा एक्सटर्नल एसेसमेंट (बाहरी मूल्यांकन) होना है। इस क्रम में आगामी दिनों में टीम सीएचसी फतेहाबाद, सीएचसी बिचपुरी और सीएचसी अछनेरा का भी एक्सटर्नल एसेसमेंट करेगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि चिकित्सा इकाईयों और स्वास्थ्य केन्द्रों का नामांकन आंतरिक, सहकर्मी एवं बाहरी मूल्यांकन के अंतर्गत तीन चरणों में किया जाता है। इन चरणों के माध्यम से सभी बिन्दुओं जैसे – स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, समर्थन तथा स्वच्छता को बढ़ावा देना, मरीजों के साथ स्टाफ का सकारात्मक व्यवहार आदि पर स्वास्थ्य केंद्र का मूल्यांकन किया जाता है। इसमें आंतरिक मूल्यांकन का निरीक्षण स्थानीय टीम दवारा तथा वाह्य मूल्यांकन का निरीक्षण राज्य स्तरीय टीम द्वारा किया जाता है।
सीएचसी खेरागढ़ के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कायाकल्प एक्सटर्नल असेसमेंट टीम में डॉ. शान-ए-आलम और मनीष द्विवेदी के द्वारा स्वास्थ्य केंद्र पर दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन किया गया।
उन्होंने सबसे पहले रोड साइड और केंद्र के मेन गेट पर लगे हुए बोर्ड व कैटल गार्ड को देखा। हॉस्पिटल परिसर में झाड़ियां हैं या नहीं इसका मूल्यांकन किया। स्वच्छ पेयजल, क्लोरिनेशन, स्ट्रीट लाइट, हर्बल गार्डन, जननी सुरक्षा योजना की किचन का मूल्यांकन किया। इसके साथ ही किचन की स्वच्छता और रसोईयों के स्वास्थ्य परीक्षण के बारे में जानकारी ली।
टीम द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट का भी मूल्यांकन किया गया और पूरे सीएचसी की स्वच्छता का मूल्यांकन किया। इसके बाद टीम ने एक्स-रे रूम का निरीक्षण किया व उसके लाइसेंस के संबंध में जानकारी प्राप्त की। टीम ने चिकित्सकों से एंटीबायोटिक पॉलिसी और उच्च जोखिम वाली गर्भवतियों के बारे में जानकारी ली। फार्मेसी के प्रिंसिपल और दवाओं के रखरखाव व डबल लॉक के बारे में जानकारी ली। इमरजेंसी में बायोमेडिकल वेस्ट के पृथक्कीकरण और मेडिसिन के बारे में जानकारी ली।
टीम ने दंत कक्ष, लैब व ऑपरेशन थियेटर, स्टरलाइजेशन, प्रसव कक्ष, ट्राएज एरिया, न्यू बॉर्न सिक यूनिट व रक्त भंडारण कक्ष का भी अवलोकन किया। परिसर में ईकोफ्रेंडली एरिया के बारे में भी जानकारी ली। प्रसव कक्ष में नर्सिंग स्टाफ से उपयोग होने वाली किट व इंफेक्शन कंट्रोल के बारे में जानकारी ली।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गठित विभिन्न कमेटियों और प्रोटोकॉल के बारे में भी टीम ने जानकारी ली। टीम द्वारा सभी दस्तावेजों का मूल्यांकन किया। उन्होंने बताया कि एक्सटर्नल एसेसमेंट के दौरान टीम ने स्वास्थ्य केंद्र की स्वच्छता, कर्मचारियों के कार्यों की तथा मरीजों को मिल रही सुविधाओं की सराहना की|। इस अवसर पर सीएचसी का समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
कायाकल्प का महत्व : क्यों है यह जरूरी ?
कायाकल्प प्रमाणपत्र प्राप्त करना किसी स्वास्थ्य इकाई के लिए मान्यता है कि वहां उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं उपलब्ध हैं।
• बेहतर चिकित्सा सेवाएं : मरीजों को उन्नत और सुरक्षित इलाज सुनिश्चित होता है।
• स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण : स्वास्थ्य केंद्रों में सफाई और संक्रमण को रोकने की बेहतर व्यवस्थाएं होती हैं।
• अपशिष्ट प्रबंधन : अस्पताल के कचरे और अपशिष्ट को सुरक्षित तरीके से प्रबंधित किया जाता है।
लक्ष्य और कायाकल्प से लाभ
• इन मानकों का पालन करने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को न केवल प्रमाणपत्र प्राप्त होगा, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का एक नया मील का पत्थर होगा।
• मरीजों का भरोसा बढ़ेगा।
• स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों की संख्या में इजाफा होगा।
• संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य खतरों में कमी आएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों पर खरा उतरने में मदद करेगा। स्वास्थ्य इकाइयों के कायाकल्प से न केवल ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं सुधरेंगी, बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी मरीजों को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं मिलेंगी।