जयपुर।
राजस्थान सरकार की पहली वर्षगांठ के बाद भजनलाल सरकार ने आज कैबिनेट और मंत्री परिषद की बैठक में अहम फैसले लिए। कैबिनेट की बैठक में गहलोत सरकार में नवगठित जिलों में से नौ जिले और तीन संभाग खत्म कर दिए हैं। इस निर्णय के बाद राजस्थान में कुल जिलों की संख्या 50 से घटकर 41 रह गई है। यह निर्णय वित्तीय संसाधनों के उचित उपयोग और जनसंख्या के संतुलन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर जिले बने रहेंगे जबकि दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर की मान्यता खत्म कर दी गई है। साथ ही सीकर, पाली और बांसवाड़ा संभाग को खत्म कर दिया गया है।
समीक्षा समिति के निष्कर्ष बताते हैं कि नए जिलों की घोषणा राजनीतिक लाभ के लिए की गई थी, न कि जनता के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखकर। भजनलाल सरकार द्वारा इन जिलों को समाप्त करना उचित हो सकता है। लेकिन इससे उन क्षेत्रों में जनता के बीच असंतोष भी उत्पन्न हो सकता है, जो नए जिलों के गठन से लाभान्वित होने की उम्मीद कर रहे थे।