टीबी उन्मूलन को 100 दिवसीय सघन जागरुकता अभियान में सहयोग करें-सीडीओ

– जनपद में शिविर लगाकर लोगों की होगी स्क्रीनिंग
– घर में एक व्यक्ति को टीबी तो पूरा घर खाएगा दवा
आगरा,
जनपद आगरा में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 31 दिसंबर 2024 से 24 मार्च 2025 तक 100 दिवसीय सघन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को ब्लॉक बाह के ग्राम फरैरा में आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर जागरूकता शिविर और छाया एकीकृत ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) का आयोजन किया गया।

जागरूकता शिविर का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया। शिविर में 70 लोगों टीबी स्क्रीनिंग की गई व जांच के लिए बलगम का सैंपल भी लिया गया।

मुख्य विकास अधिकारी ने जागरूकता शिविर में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे उन्हें 11 जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकता है। जिसमें क्षय रोग भी है। बच्चों के जन्म के बाद सबसे पहला टीका बीसीजी लगाया जाता है, जो आपके बच्चे को टीबी की बीमारी से बचाता है।

समाज में टीबी रोग से बचाव और टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता आवश्यक फैलाएं जिससे सभी स्वस्थ रहें। क्योंकि जानकारी ही बचाव है। उन्होंने कहा कि सभी 100 दिवसीय सघन जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए सहयोग करें जिससे कि आगरा जल्द से जल्द टीबी मुक्त हो जाए।

उन्होंने लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि सघन जागरूकता अभियान का हिस्सा बने और अपने घर से शुरुआत करें। साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग कराए। जिससे कोई भी टीबी का मरीज उपचार से वंचित न रहे आपका सहयोग महत्वपूर्ण है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 100 दिवसीय जागरुकता अभियान के दौरान 60 वर्ष तक के व्यक्तियों, धूम्रपान करने वाले व्यक्ति, शराब का सेवन करने वाले व्यक्ति, शुगर ग्रसित व्यक्ति, कुपोषित व्यक्ति, टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों, पिछले पांच वर्ष में टीबी स्वस्थ हुए टीबी रोगियों, कॉनग्रीगेट साइट, कारागार में निरुद्ध कैदी, वृद्धाश्रम व रैन बसेरों और आवासीय स्कूलों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को लक्ष्य मानकर उनकी टीबी की जांच की जाएगी व उनको टीबी के प्रति जागरुक किया जाएगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि अभियान के दौरान एक से चार जनवरी तक जिला व केंद्रीय कारागार में 172 कैदियों की टीबी की जांच की गई है व उनको टीबी के प्रति भी जागरुक किया गया है।
उन्होंने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, अधीक्षक, एनटीईपी स्टाफ, मेडिकल ऑफिसर, सीएचओ, एएनएम व आशाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

अब वह सफलतापूर्वक अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को टीबी के प्रति जागरुक कर रहे हैं और उनके द्वारा शिविर लगाकर लोगों की टीबी की स्क्रीनिंग करके जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग, पंचायतीराज, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, महिला कल्याण विभाग, ग्रामोदय विकास, श्रम विभाग, गृह विभाग सहित अन्य संस्थाओं द्वारा सहयोग किया जाएगा। इस संबंध में सीडीओ द्वारा अंतर्विभागीय बैठक कर सभी विभागों को अभियान में सहयोग करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

टीबी मरीज के घर सभी खाएंगे प्रिवेंटिव दवा
डीटीओ ने बताया कि अभियान के दौरान टीबी मरीजों के घरों में जाकर उनके घर के अन्य सदस्यों को टीबी प्रिवेंटिव दवा खिलाई जाएगी। यह दवा सप्ताह में एक बार खिलाई जाएगी। अन्य लोगों में टीबी का संक्रमण न हो, इसके लिए टीबी रोगी के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें:
– खांसी दो सप्ताह से
– बुखार
– सीने में दर्द
– मुंह से खून आना
– थकान
– सांस लेने में तकलीफ
– गर्दन में गिल्टी, गांठ, बांझपन आदि
– रात में पसीना आना
– वजन कम होना
– भूख न लगना

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